पीलीभीत। सम्पूर्ण देश मे मुट्ठी भर से भी कम ऐसे अराजक नसमझ तत्व हैं जो देश माहौल बिगाड़ रहे हैं।
क्या विरोध के नाम पर अराजकता और सरकारी संपत्ति का नुकसान उचित है।
यदि कोई आपत्ति है तो विरोध शांतिपूर्ण तरीके से भी हो सकता है।
कानून व्यवस्था बनाने में सब सहयोग करें…
देश की संपत्ति व आम जनता को व उनकी संपत्ति को नुकसान पहुचाने का किसी को कोई हक नही… कानून बहुत सख्त है.।
*जयहिन्द* *सन्दीप खण्डेलवाल*