भ्रष्टाचार में डूबा पूरनपुर ब्लाक, विरोध में 7 से भाकिमयू का धरना
जेई, टीए और सचिवों पर भाकिमयू ने मढ़े आरोप, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
3 साल से जमे जेई व सचिवों को हटाने की मांग
पूरनपुर। विकास खंड कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारी कई दिनों तक नहीं आते परंतु घपलेबाज निरंतर जारी है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर ब्लॉक के जेई व सचिवों पर तमाम आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की है। ऐसा न करने पर 7 सितंबर से ब्लाक में धरना प्रदर्शन शुरू करने की बात ज्ञापन में कही है। इसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है। नवागत जिलाधिकारी पुलकित खरे की ईमानदारी के चर्चे पूरे जिले में हैं परंतु पूरनपुर विकास खंड के अधिकारी व कर्मचारी शायद इससे अनभिज्ञ बने हुए हैं और अपनी कार्यप्रणाली बिल्कुल भी बदलने को तैयार नहीं है। भ्रष्टाचार इतना अधिक है कि तीन-चार दिन बाद आने वाले अधिकारी कर्मचारी अटैची भरकर ले जाते हैं। गलत काम करके रुपया बटोरा जा रहा है। ऐसे आरोप भारतीय किसान मजदूर यूनियन राष्ट्रवादी के जिला अध्यक्ष मनप्रीत सिंह ने राजपाल को एसडीएम के द्वारा भेजे ज्ञापन में लगाए हैं।
उनका आरोप है कि जेई कई सालों से जमे हुए हैं और बिना पैसे लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं। उनके द्वारा भ्रष्टाचार को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह सचिव भी 3 साल से अधिक समय से ब्लॉक में तैनात हैं और जमकर धांधली बाजी कर रहे हैं। भष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। कार्रवाई ना होने पर सात सितंबर से ब्लॉक में धरना प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी है।
उधर चकपुर निवासी बलवंत कुमार ने तकनीकी सहायक दान सिंह राना के खिलाफ प्रार्थना पत्र देते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और कार्रवाई की मांग की है।
आरोप है कि बिना पैसा लिए कोई भी काम यह तकनीकी सहायक नहीं करता है। उन्होंने बीडीओ से करवाई की मांग की है।
ब्लाक में बैठकर पास हो जाते हैं सभी प्रोजेक्ट
पूरनपुर ब्लाक में तैनात जेई सालिगराम की कार्यप्रणाली पर भाकिमयू ने काफी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि सभी ग्रामपंचायतों का काम यह जेई अकेला देख रहा है। ब्लाक मुख्यालय पर न रहकर प्रतिदिन शाहजहांपुर से आता है और बिना स्थलीय निरीक्षण के सभी काम घूसखोरी के बल पर ब्लाक में बैठकर ही पास कर दिए जाते हैं। भाकियू ने जेई द्वारा पास किये गए सभी कामों की जांच दूसरे विभाग के अभियंताओं से कराने की मांग उठाई है। आरोप है कि घूसखोरी से ग्राम प्रधान व अन्य लोग भी परेशान हैं। परंतु वे अपना काम साधने के लिए कुछ नहीं कह पाते और इसी का फायदा जेई द्वारा उठाया जा रहा है। जेई के क्रियाकलापों की गोपनीय जांच कराने की भी मांग की गई है।
बीडीओ कोरन्टीन, बेरंग लौट रहे फरियादी
बीडीओ नीरज दुबे कोरोनावायरस पॉजिटिव होने के बाद कोरन्टीन हो गए हैं। इसके बाद से ब्लॉक में फरियादियों की सुनने वाला कोई नहीं है। प्रतिदिन अपनी शिकायतें लेकर आने वाले फरियादी बेरंग लौट जा रहे हैं। जई देवेंद्र कुमार को बीडीओ का सीयूजी नंबर तो दे दिया गया है लेकिन सारे काम बीडीओ द्वारा ही अंजाम दिए जाते हैं। इसके चलते फरियादी परेशान हैं। उधर आरोप यह भी है कि अधीनस्थ बीडीओ की नहीं सुनते और मनमानी पर उतारू हैं। चर्चा यह भी है कि नवागत जिलाधिकारी की कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारी बीमारी का बहाना बना रहे हैं। पक्ष लेने हेतु संपर्क किया गया परन्तु बीडीओ का फोन रिसीव नहीं हुआ।
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