समुदायिक दंगा रोकने में अहम भूमिका निभाकर पीलीभीत के “बिलाल” ने किया कमाल, मिलेगा राष्ट्रपति पुरस्कार

दंगा रोकना व दो समुदाय को गले लगाने पर जिलाधिकारी मासूम अली सरवर ने किया था सम्मानित

हिंदू मुस्लिम में भाईचारा बढ़ाने के लिए करते रहते हैं कोशिश

पीलीभीत। शहर के एक गरीब परिवार में जन्मे बिलाल मियां संघर्ष से जूझते हुए 2005 के बाद उपलब्धि की ओर बढ़ते चले आ रहे हैं।
उनके द्वारा किए गए समाज हिंदू मुस्लिम भाईचारा और वन्य जीव के लिए जागरूक सोच पर अब उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार की ओर ले जा रहा है।
सन 2015 में शहर के जाटो वाले चौराहे स्थित मोहल्ला पकड़िया और सरफराज खान के बीच अलग-अलग समुदाय के दो पक्ष आमने सामने आ गए थे। जिसके खातिर शासन एवं पुलिस प्रशासन कर्फ्यू तक लगाने के आदेश जारी कर चुका था लेकिन बिलाल मियां की लोकप्रियता और भाईचारे ने खुराफाती के हौसले पस्त कर दिए और एक बड़ा संप्रदायिक दंगा शहर में होने से बिलाल द्वारा रोक दिया गया। साथ ही मौजूदा डीएम मासूम अली सरवर और सिटी मजिस्ट्रेट जितेंद्र कुमार शर्मा ने बिलाल का सहयोग लेते हुए धार्मिक स्थल से इट पत्थर और मांस के टुकड़े हटवाए जिस के बाद दोनों समुदाय के लोग शांत हुए।
इससे पूर्व 2011 में जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान एक ही समुदाय के दो पक्ष आमने-सामने आ गए जिस के बाद शहर में स्थिति बिगड़ने लगी उस समय के मौजूदा सीओ सिटी रफीक अहमद और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बिलाल का सहयोग लेते हुए शहर में कई जगह मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद साहब का यौमे पैदाइश के पर्व पर जुलूस निकलवाने में मदद ली।
2015 में शहर के मोहल्ला मोहम्मद फारुख और बेनी चौधरी में भी मोहर्रम के दिन दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए थे। जिस में दोनों समुदाय को बिलाल द्वारा गले लगा कर समझौता करवाने पर जिला प्रशासन एवं शहर के बुद्धिजीवी लोगों ने सराहना की और उनकी हौसला अफजाई की। इसके बाद 2016 में मौजूदा डीएम मासूम अली सरवर व जितेंद्र कुमार शर्मा सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा बिलाल को स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर जिला कलेक्ट्रेट में प्रशस्ति पत्र और एक हाथ घड़ी देकर सम्मानित किया और भविष्य में शहर में शांति बनवाने एवं भाईचारा बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक रखने की अपील भी की।
इसके अलावा 2012 से बिलाल का वन्यजीवों के प्रति लोगों को जागरूक करने, वन्यजीवों के फोटो खींचकर पीलीभीत जंगल में बस रहे वन्य जीवों को देश विदेश में फैलाने में बहुत बड़ा योगदान रहा।
यही नहीं पिछले 5 वर्ष से वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में पीलीभीत टाइगर रिजर्व द्वारा कराई जा रही ऑल इंडिया फोटोग्राफी कंपटीशन में अपने आप को प्रथम पायदान पर जमाए हुए हैं। इस साल भी वन्यजीव सप्ताह के अंतिम दिन बिलाल मियां को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
इसके अलावा बिलाल मियां देश विदेश में भी फोटोग्राफी के द्वारा जिले का नाम रोशन कर चुके हैं।


इन सब गतिविधियों के बीच राष्ट्रीय संप्रदायिक सद्भावना प्रतिष्ठान गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय सम्मान देने के लिए पांच बिंदुओं पर जवाब मांगा है जिसमें इसी पिछले 10 साल में क्या-क्या कार्य किसके द्वारा सिफारिशनामा और प्रशासन व समाजसेवी द्वारा प्राप्त किए गए प्रशस्ति पत्र की कापी मांगी है। और 2019 में राष्ट्रीय संप्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बिलाल मियां का नाम चयनित किया गया है।
इस उपलब्धि से जिले का नाम और रोशन होगा और गोपनीय तौर से बिलाल द्वारा समाज एवं वन जीव के हित में जो भी कार्य किए जाते हैं उसमें और बढ़ोतरी के लिए श्री मियां का मनोबल बढ़ेगा। बिलाल अपनी 32 साल की उम्र में 11 बार रक्तदान भी कर चुके हैं और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के कैरियर में देशभर के कई टाइगर रिजर्व में अपना झंडा भी ऊंचा कर चुके हैं।

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