देशाटन : भोपाल जाएं तो अवश्य करें जनजातीय संग्रहालय के दीदार
जनजातीय संग्रहालय, भोपाल
भोपाल यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि देश के इकलौते जनजातीय संग्रहालय मे जाना रहा। कैब ड्राइवर द्वारा स्वयं यहाँ तक लाकर बताया गया कि मैने इसके बारे मे सुना है, अच्छी जगह है। वाकई यह अद्भुत, अप्रतिम और बेहतरीन स्थल है जिसे हमारे आदिवासियों के जीवन संस्कृति, रहन सहन, कलाकृतियों और रीति रिवाजों के बारे मे जानने के लिए देखा जाना चाहिए।
जानिए क्या क्या है खास
दीर्घा व दृश्य संयोजन, लाईटिंग, कलाकृतियों का चयन अद्भुत है। भोपाल मे पहले से ही राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भारत भवन सदृश दर्शनीय स्थलों की कड़ी मे यह मेरी नजर मे सबसे अच्छा है।दीवालों पर पेंटिंग्स आपको देश की समृद्ध कलाओं की याद दिलाता है। भोपाल के श्यामला हिल्स पर बसे लगभग 2 एकड़ क्षेत्र मे फैले इस संग्रहालय का मूल उद्देश्य मध्यप्रदेश के आदिवासी जनो, भील ,बैगा, सहरिया, भारिया, गोंड आदि के जीवन के संबंध मे आमजनों को अवगत कराना है।
10 रुपये में इंट्री, फोटो लेने तो 50 देने होंगे
संग्रहालय मे प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 10 रुपये तथा यदि फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो 50 रु. अतिरिक्त देना पड़ेगा। प्रत्येक रविवार को यहां आदिवासी लोकसंगीत, नाट्यकला सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमे प्रवेश निःशुल्क है। यदि भोपाल जायें तो इस स्थान का दर्शन अवश्य करें।
लेखक-अविनाश झा “बिहारी पंडित”
डिप्टी आरएमओ पीलीभीत
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