Page Not Found

This Page Does Not Exist

Sorry, the page you are looking for could not be found. It's just an accident that was not intentional.

♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

कुर्बानी के साथ- साथ गरीबों फकीरों और जरुरतमंदों का भी रखें ख्याल : मुफ्ती साजिद हसनी

ईद-उल-अजहा पर अपने जानवरों को कुर्बान करने का मकसद अल्ला तआला से कुर्ब हासिल करना होता है।

पूरनपुर। प्रेसवार्ता में सन्वादाता से बात करते हुए मुस्लिम धर्म गुरू इस्लामिक स्कालर मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा है कि देशभर में बकरीद की धूम है। मुस्लिम समाज के इस त्योहार को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है। बकरीद पर जानवर की कुर्बानी दी जाती है। मुस्लिम धर्म गुरु मशहूर स्कालर मुफ्ती साजिद हसनी ने बताया कि इस्लाम में कुर्बानी का जिक्र बाबा आदम अलैहिस्सलाम के जमाने से मिलता है, लेकिन इस्लाम में बुनियादी तौर पर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के जमाने से है। इस्लाम में कुर्बानी एक इबादत की हैसियत रखती है। इबादते जितनी भी हैं वह सब बंदे का अल्लाह तआला से ताहल्लुक (कुर्ब) का इजहार होता है। जैसे बंदे की बंदगी नमाज है और माल से इबादत करने का इजहार जकात और सदका है ठीक इसी तरह कुर्बानी भी है।

*कुर्बानी का मतलब*
मशहूर लेखक मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा कि मुस्लिम समाज में साल में दो ही त्यौहार मजहबी तौर पर मनाये जाते हैं। पहला ईद-उल-फितर और दूसरी इद-उल-अजहा यानी बकरीद। कुर्बानी का लफ्ज कुर्ब से बना है। इसका मतलब होता है करीब होना। ईद-उल-अजहा पर अपने जानवरों को कुर्बान करने का मकसद अल्लाह तआला से कुर्ब हासिल करना होता है यानी अल्लाह तआला से अपनी नजदीकियां बढ़ाना होता है। उन्होंने कहा कि पांच लाख या दो लाख का बकरा खरीदने की वजह कम कीमत का बकरा खरीद कर कुर्बानी दी जा सकती है। बाकी बची रकम से गरीबों व फकीरों की मदद की जाए। इस्लाम कुर्बानी के साथ-साथ गरीबों जरुरतमंदों और फकीरों की मदद करने का हुक्म देता है।

*मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने बताया है कि आजकल 1 तोला चांदी की क़ीमत (rate) कमो बेश (plus or minus) 854 रूपए है. तो इस हिसाब से साढ़े बावन तोला (52.5) चांदी की क़ीमत 45067 रू/- हुई..*
*अब मस्अला यूँ हुआ के “जो शख्स 45067/- रुपए का मालिक हो, या उसके पास ज़रूरत से ज्यादा कुछ चीज़े हो जिनकी क़ीमत मिलाये तो 45067 रू/- हो जाए तो उस शख्स पर क़ुरबानी करना वाजिब है.”*

अब हर एक गौर करे के क्या मेरे पास इतनी रक़म पड़ी है, चाहे बैंक बेलेंस हो या घर में नक़द हो या PF में जमा हो या Recurring Account में जमा हो तब भी क़ुरबानी वाजिब हो जाएगी..
आजकल 1 तोला सोने के दाम भी 44000 से 46000 के बीच में चल रही है. तो नतीजा ये निकला के जिसके घर में सिर्फ 1 तोला सोना हो उस पर भी क़ुरबानी वाजिब है।
क्यूंकि 1 तोला सोने की क़ीमत क़ुरबानी के निसाब (45067/-) है
बल्कि अगर नक़द सोना कुछ भी नहीं मगर ज़रूरत से ज्यादा कोई चीज़ है, मसलन 2 बाइक है. ज़रूरत एक ही की है, या दो मोबाइल जेब में है तो इन एक्स्ट्रा चीजों की क़ीमत मिला कर भी अगर (45067 /-) या इससे ज्यादा रक़म हो गई तब भी क़ुरबानी वाजिब है..

बेटे के एकाउंट में 1 लाख रुपए है तो बेटे की तरफ से अलग क़ुरबानी, औरत अपने मइके से जो सोना चांदी लाई है उन सबकी क़ीमत अगर (45067 /-) या इससे ज्यादा है तो उसकी अलग क़ुरबानी, बेटी को तोहफे में पहनने के लिए जेवर ले कर दिया है और उसकी क़ीमत (45067 /-) या इससे ज्यादा है तो उसकी तरफ से अलग क़ुरबानी करनी पड़ेगी।

*मुफ्ती साहब ने लोगों से की यह अपील*
*मुफ्ती साजिद हसनी ने शासन प्रशासन की ओर से अपील की है कि रास्ते और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी न करें बल्कि अगर हो सके तो अहातो में कुर्बानी का अहतमाम करे* *जिन जानवरों पर कानूनी तौर पर पाबंदी है उनकी कुर्बानी से परहेज करें * साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें किसी को भी आप की वजह से परेशानी नहीं होना चाहिए कुर्बानी का विडियो या फोटो न बनाएं न शोशल मिडिया पर डालें * जो लोग नफ्ली कुर्बानी का अहतमाम करते हैं उनके लिए बेहतर है कि वह लोग सैलाब या दूसरी आफातो में फसे लोगो की मदद करे* *बरादराने वतन के जज्बातों का ख्याल रखें अनुशासन बनाए रखें कानून का उल्लन्खन न करें मास्क का प्रयोग करें कई जगह इस बार इंसानियत और अमन के दुश्मन कुर्बानी के दौरान अमन व अमान खराब करने की कोशिश कर सकते हैं लिहाजा सब्र से काम लें और मुल्क के कानून का सम्मान करते हुए इसका पूरा पालन करें। किसी को आप की वजह से कोई परेशानी नहीं होना चाहिए*। क्योंकि हम मुसलमान हैं। अमन-अमान कायम रखने की जिम्मेदारी हमारी है। मुफ्ती साजिद हसनी ने लोगों को ईद की मुबारकबाद भी पेश की।
मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने मुफ्ती पैनल द्वारा ईद-उल-अजहा पर हेल्पलाइन न0 जारी किया /पूछे ईद-उल-अजहा पर दीनी सवाल पूछे मुस्लिम समुदाय की सहूलियत के लिए मुफतियान ए कराम व उलेमा ए अहले सुन्नत की ओर से हेल्पलाइन न0 जारी किये हैं हेल्पलाइन न0 पर कुर्बानी से संबंधित दीनी मसअलो के बारे में सवालात पूछे जा सकते हैं एक काल पर घर बैठे शरई मसअलो का हल मुफतियान कराम उलेमा ए अहले सुन्नत दारा आसानी से मिल जाएगा. मुफ़्ती साजिद हसनी 9634316786. मुफ्ती शाहिद रजा अजहरी 9639250967. मुफ्ती नूर मोहम्मद हसनी 9548424786. मुफ्ती रिजवान अशरफी 9634014846. मौलाना गुलाम मुस्तफा अशरफी 7860018766. मौलाना मन्सूब 9919187247 (महिला वर्ग के लिए संपर्क करें- मुफ्तिया आयशा खातून अमजदी – 9012978692 मुफ्तिया रेशमा खानम अमजदी 9411275837 आलिमा फाजिला हासीना खातून शम्सी 9369432021

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
preload imagepreload image