बेबाक गजल : “भले ही दिल मे सवाल रखिये, मग़र कभी तो खयाल रखिये”
भले ही दिल मे सवाल रखिये ।
मग़र कभी तो खयाल रखिये।
ये जिंदगी चार दिन की है बस
न दिल मे कोई मलाल रखिये।
न दूरियों की हो बात बिल्कुल
हमेशा रिश्ते बहाल रखिए।
किसी से उम्मीद नही हो फिर भी
भरम मुहब्बत का पाल रखिये।
हो राहे मंजिल भले ही मुश्किल
मगर ये जज्बे संभाल रखिये।
जुनूँ व हसरत व जोश के संग
इरादे अपने कमाल रखिये।
इस उम्र में भी मरे मरे से
लहू में थोड़ा उबाल रखिये।
जुबाँ पे सबकी हो जिक्र तेरा
यूँ जिंदगी बेमिसाल रखिये।
लड़ो मग़र संग उसूल भी हों
न शक कोई दिल में पाल रखिये।
न बज्म में हूँ न ही दिलों में
हूँ याद सा बस संभाल रखिये।
हूँ बस तुम्हारा पर इल्तिजा ये
न शीशे में मुझको ढाल रखिये।
योगेंद्र पाठक “योगी”
जिला विकास अधिकारी, पीलीभीत
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