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गौतमबुद्धनगर पुलिस ने टैंकरों से डीजल पेट्रोल चोरी का किया खुलासा, बरेली मंडल में चोरी जारी, कोई नहीं दे रहा ध्यान

 

चिप कांड के बाद लोग पेट्रोल पंप पर चोरी होने के उदाहरण आज भी देते नजर आ रहे हैं लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि पेट्रोल पंप संचालक इस समय खुद चोरों से परेशान हैं। उनके डीजल पेट्रोल के टैंकर रास्ते में रोककर उनसे डीजल पेट्रोल चुरा लिया जाता है। गौतमबुद्ध नगर में ऐसा ही बड़ा खेल उजागर हुआ है परंतु अपने यहाँ भी यह गोरख धंधा तेजी से चल रहा है। बरेली के आंवला डिपो से डीजल पेट्रोल भरकर जब टैंकर निकलते हैं तो उन्हें डिपो से कुछ दूर चलते ही आंवला, भमोरा, देवचरा से लेकर बरेली तक कई जगह 

रोककर तेल चोरी करने का प्रयास किया जाता है। बड़े-बड़े गैंग सरेआम डीजल पेट्रोल चुराते हैं। डिपो के अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए हैं। यही हाल पुलिस प्रशासन का भी है। अगर गौतम बुद्ध नगर की घटना से सबक लेकर आंवला, बरेली की पुलिस एक्शन ले तो पेट्रोल पंप मालिकों को राहत मिल सकती है । गत दिनों मंडलायुक्त के आदेश पर पेट्रोल पंपों की चेकिंग तो की गई लेकिन पेट्रोल पंप मालिकों की मंशा के अनुरूप से डिपो से लेकर पेट्रोल पंप तक पूरा माल पहुंचने की बाधाओं पर कोई चेकिंग अभी तक नहीं की गई। अगर रास्ते के तेल माफियाओं को पकड़कर बंद किया जाए तब शायद इसका लाभ जनता को ही मिलेगा। 

देखिये गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किया खुलासा

जनपद गौतमबुद्धनगर पुलिस का सराहनीय कार्य

टैंकरो से डीजल व पैट्रोल चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

कब्जे से करीब 450 लीटर पैट्रोलियम पदार्थ ड्रमों एवं कैनों में भरा हुआ तथा पैट्रोलियम पदार्थ से भरे 02 टैंकर बरामद।

  मुखबिर द्वारा थाना दनकौर क्षेत्र में टैंकरो से डीजल व पैट्रोल चोरी करने वाले गिरोह के सम्बन्ध में सूचना दी गयी थी, जिस पर स्टार-2 टीम द्वारा दनकौर पुलिस की सहायता से यमुना एक्सप्रेस-वे के नीचे सर्विस रोड पर ग्राम चपरगढ के आहते में बने गोदाम पर छापा मारा गया। जिस वक्त छापा मारा गया उस समय अभियुक्तगण द्वारा 02 टैंकरों के लाॅक मास्टर चाबी से खोलकर कुप्पी व पाईप की सहायता से टैंकरों से पैट्रोलियम पदार्थ निकाला जा रहा था। 05 लोगों को मौके से गिरफ्तार

किया गया तथा 02 लोग मौके से फरार हो गये। पकडे गये अभियुक्तों में एक इस अपराध का सरगना मटरू तथा एक टैंकर का ड्राईवर, क्लीनर व सेल्समैन है तथा दूसरे टैंकर का क्लीनर है, दूसरे टैंकर का ड्राईवर व मटरू का साथी मौके से फरार हो गये। मौके से करीब 450 लीटर पैट्रोलियम पदार्थ ड्रमों एवं कैनों में भरा हुआ तथा पैट्रोलियम पदार्थ से भरे 02 टैंकर बरामद हुए हैं। मौके पर ही सप्लाई निरीक्षक को सूचना देकर बुलाया गया, जिनके द्वारा फर्द तैयार की गयी तथा जिलाधिकारी, गौतमबुद्धनगर की अनुमति के उपरान्त थाना दनकौर पर मु0अ0सं0 371/19 धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधि0 पंजीकृत किया गया।

जाने अपराध करने का तरीका, मास्टर की से खोलते थे टैंकर के ताले

पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आये है कि मुख्य अभियुक्त मटरू द्वारा पैट्रोलियम टैंकरों के ड्राईवर/क्लीनरो से सम्पर्क किया जाता था। पैट्रोलियम टैंकर रिफाईनरी से निकलकर पैट्रोल पम्प पर न जाकर एक्सप्रेस-वे के नीचे ग्राम चपरगढ के आहते में बने गोदाम पर पहुंच जाते थे। टैंकर के लाॅक की दो

चाबी होती है, जिनमें से एक रिफाईनरी पर तथा दूसरी पैट्रोल पम्प पर होती है। उपरोक्त अभियुक्त मास्टर चाबी के जरिये गोदाम पर टैंकर का लाॅक खोलकर प्रत्येक टैंकर से 40-50 लीटर पैट्रोलियम पदार्थ कुप्पी व पाईप के जरिये निकालकर उसे अवैध रूप से बेचते हैं। मौके से मास्टर चाबी का गुच्छा भी बरामद हुआ है।

कहाँ गए वीटीएस, सीलिंग सिस्टम? और सतर्कता के दावे करने वाले, माफियो पर कैसे पहुची मास्टर की?? कहाँ गई एसटीएफ

तेल चोरी भले ही कोई माफिया या टैंकर ड्राइवर हेल्पर या सेलमैन कर कर आ रहे हैं लेकिन इस चोरी को हवा देने में आयल डिपो प्रबंधकों की भूमिका भी कम नहीं है। सीधा सवाल यह है कि टैंकरों की मास्टर की जब डिपो में मौजूद है तो वह तेल माफियाओं के पास कैसे पहुंच गई। इस बात की जांच होनी चाहिए और संबंधित प्रबंधकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरा बड़ा सवाल यह है कि टैंकरों में बीटीएसटी डिवाइस लगाई गई है। अगर कोई टैंकर चालक रूट बदलता है या स्पीड कम अधिक पर चलता है तो डिपो वाले उसे नोटिस पकड़ा कर वसूली करने में पीछे नहीं रहते तो फिर जब टैंकर माफिया के अड्डे की तरफ मुड़ रहा है तो डिपो वाले क्या कर रहे हैं। उन्होंने ऐसा बार-बार करने पर कार्रवाई क्यों नहीं की। ताले के साथ में एक दूसरी सील लगाने का दावा भी किया जा रहा है, सतर्कता रखने की बात कही जा रही है लेकिन यह सब दावे सिर्फ हवा-हवाई साबित हुए। अगर डिपो मैनेजरों व स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जाए तो निसंदेह बड़ा खुलासा होने की संभावना है। पेट्रोल पंपों की जांच जब स्पेशल टास्क फोर्स को दी जाती है तो इस गंभीर मसले में एसटीएफ को क्यों नही लगाया जाता। 

मौके से गिरफ्तार अभियुक्त

1- शब्बीर पुत्र अहमद नि0 एकता कालोनी, थाना कुतुबशेर, जिला सहारनपुर।


2- जावेद पुत्र शब्बीर नि0 एकता कालोनी, थाना कुतुबशेर, जिला सहारनपुर।


3- मटरू पुत्र समद खां नि0 रबूपुरा थाना रबूपुरा, जिला गौतमबुद्धनगर।
4- आमोद कुमार पुत्र राजवीर सिंह नि0 साफियाबाद लोटी थाना मुण्डाली, जिला मेरठ।


5- योगेष पुत्र दीवान सिंह नि0 शेखपुरा, बागपत रोड, थाना टी0पी0 नगर, जिला मेरठ।

(मीडिया सेल गौतमबुद्धनगर पुलिस)

 

 

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