
प्रदेश में लागू होगी पीलीभीत की पराली प्रबंधन योजना, डीएम वैभव श्रीवास्तव ने दी जानकारी
पीलीभीत। जनपद में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव द्वारा लागू की गई पराली प्रबंधन योजना पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। शासन ने पीलीभीत की पराली प्रबंधन योजना की सराहना की है। शासन के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश त्यागी ने आदेश जारी करते हुए सभी जिलाधिकारियों को पीलीभीत कर पराली प्रबंधन मॉडल को अपने यहां लागू करने को कहा है। आज जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित ने पीलीभीत के गांधी सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से पराली प्रबंधन को जोड़ा गया है। किसानों को पराली की खाद बनाने पर महात्मा गांधी नरेगा योजना से 3640 रुपया प्रति एकड़ और गन्ने की पत्ती पर 2548 रुपया प्रति एकड़ श्रमान्स दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों को डी कंपोजर कैप्सूल भी मुफ्त में दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया की पीलीभीत में 130 किसानों पर पराली जलाने में एफआइआर दर्ज कराई गई
और 877 किसानों को नोटिस जारी किए गए। किसानों पर 20 लाख का जुर्माना लगाया गया जिसमें से 13 लाख से अधिक रुपया वसूला गया। उन्होंने बताया कि गांवों में 1845 खाद के गड्ढे पराली निस्तारण के लिए बनाए गए। सभी ग्राम पंचायतों में किसान पाठशाला, गोष्ठियां और खुली बैठकों का आयोजन किया गया। किसानों को जागरूक करने के लिए मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों पर लगे लाउडस्पीकरों से मुनादी कराई गई। जनपद भर में वॉल पेंटिंग कराकर भी लोगों को जानकारी दी गई। निगरानी में लगे कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने में कार्रवाई भी की गई। उनके अनुसार सीटू यंत्रों से भी पराली निस्तारण कराया गया। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 20 व्यक्तिगत और 4 सार्वजनिक योजनाएं पराली निस्तारण हेतु प्रभावी की गई हैं।
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