पीलीभीत में जीपीएस सिस्टम से शुरू हुआ गन्ना उपज का सर्वे

पीलीभीत जनपद में आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ने की फसल का सर्वे जीपीआरएस सिस्टम से शुरू हुआ है। सुबह से ही टीमें खेतों पर पहुंचकर सर्वे कार्य कर रही हैं। अधिकारी इसकी निरंतर निगरानी भी कर रहे हैं। इस बार सर्वे में कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं।

पीलीभीत में गन्ना विकास विभाग और चीनी मिलों की संयुक्त टीमों द्वारा गन्ना उपज का सर्वे शुरू कर दिया गया है। 15 अप्रैल से लेकर 15 जून तक सर्वे करने की समयावधि प्रदेश के गन्ना आयुक्त द्वारा तय की गई है। पीलीभीत में 19 अप्रैल को आम चुनाव होने के कारण सर्वे प्रभावित रहा परंतु अब सर्वे कार्य तेजी से शुरू करा दिया गया है।

जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव ने बताया कि टीमें सुबह से ही सर्वे के लिए खेतों में पहुंच रही हैं, क्योंकि दोपहर में काफी अधिक तेज धूप होती है और इससे बचने के लिए टीमों को पानी की बोतल, कैप, गमछा आदि उपलब्ध कराया गया है। ग्लूकोज के पैकेट भी साथ रखने को कहा गया है। श्री भार्गव ने बताया कि इस बार सिर्फ गन्ने की उपज में पौधा का ही सर्वे किया जा रहा है क्योंकि पेड़ी का सर्वे पिछले वर्ष पौधे की फीडिंग से स्वत: प्रदर्शित हो रहा है। सर्वे के दौरान किसानों से उपज के घोषणा पत्र भी भरवाये जा रहे हैं और किसानों को सर्वे पर्ची भी उपलब्ध कराई जा रही है। किस गांव में टीम कब पहुंचेगी, इस बात की सूचना भी मैसेज के द्वारा गन्ना उत्पादक किसानों को प्रेषित की जा रही है।

जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि गन्ना सर्वे जीपीएस सिस्टम से कराया जा रहा है। इसमें सर्वे टीम को मशीन लेकर किसान के खेत के चारों तरफ घूमना होता है और गन्ने का रकबा स्वत: मशीन में प्रदर्शित हो जाता है। मौके पर मौजूद किसान से पुष्टि के बाद रकवा मशीन में सुरक्षित कर दिया जाता है। यह काम स्वचालित मशीन से होने के कारण सर्वे में हेरा फेरी की संभावनाएं फिलहाल कम हो गई हैं।

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