अब आसान हुआ आदमखोर जंगली जानवरों का रेस्क्यू

(गोलागोकर्णनाथ से पंकज शुक्ला की रिपोर्ट)

– बाघ प्रभावित क्षेत्रों मे बेधड़क हो सकेगी काबिंग

गोलागोकर्णनाथ-खीरी। महेशपुर रेंज के जंगल से सटे हुये गांवो में लगभग दो दर्जन से अधिक गांव बाघ एवं जंगल के हिंसक जानवरों के आतंक से प्रभावित हैं। यहां आए दिन जंगल के हिंसक जानवरों व ग्रामीणों तथा उनके पालतू पशुओं द्वारा आपस में संघर्ष होते रहते हैं। अब तक कई लोग व ग्रामीणों के पालतू पशु काल के गाल में समा चुके हैं। पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से हिंसक जानवरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा था और न ही आदमखोर बाघों का रेस्क्यू हो पाता था। महेशपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मोबिन आरिफ एवं फॉरेस्टर रामप्रसाद नेता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार व वन विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा महेशपुर रेंज में एक यंत्र ऐसा दे दिया गया है, जो बाघ बाहुल्य एवं बाघ प्रभावित क्षेत्रों में बेधड़क होकर काबिंग कर सकता है। साथ ही जानवरों के आदमखोर होने पर भी उनको पकड़ा जा सकता है। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा, यह आसानी से घने जंगल में जा सकता है। इस पर बैठकर जंगल की निगरानी भी हो सकती है। आए दिन जंगल में गस्त करते समय वनकर्मियो पर बाघ आदि जानवर हमला कर देते थे। अब उसका भी कोई खतरा नहीं रहेगा। विभागीय उच्चाधिकारियों ने महेशपुर रेंज में यह वाहन भेज दिया है। इससे होने वाली घटनाओं पर आसानी से अंकुश लगाया जा सकता है।

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