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सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है सुषमा-अटल संवाद, आप भी पढ़िए जरूर

‘सुषमा’,,शायद किसी बड़े दायित्व का निर्वाह करने
स्वर्ग में सुषमा – अटल संवाद

भैया,,मैं, सुषमा पहचाना?? जिसको बेटी कहते थे
याद आया,,जिस के भाषण पर गर्वित होते रहते थे

वही,,वही,,जिसको संसद में मंत्री का सम्मान दिया
राजनीति के गुरुवर बन कर देशधर्म का ज्ञान दिया

हां,, हां भैया,,वही ,,वही,,जो हर दिन मिथक तोड़ती थी
हां,, जो स्वयं नाम के आगे शब्द ‘स्वराज’ जोड़ती थी

हां ,,हां बेटी याद आ गया तू संसद की सुषमा थी
मैं अक्सर सोचा करता तू बेटी थी या फिर माँ थी

ऐसा कह कर ‘अटल बिहारी’ मुस्काये फिर घबराए
इतनी जल्दी भारत छोड़ा? ऐसा कह कर झल्लाये

सुषमा बोल उठी,,भैया ! जो खबर आज सीने में थी
उसके बाद नहीं अब कोई रुचि मेरी जीने में थी

उसी खबर के इंतजार में आप तड़पते रहे सदा
कब ऐसा दिन आएगा,,बस यही सोचते रहे सदा

मुझे लगा ,,मैं सबसे पहले खबर आपको दूँ आकर
अपने अटल बिहारी दादा को खुश खबरी दूँ जाकर

सुनो आज कश्मीर हिन्द का पक्का अंग बन गया है
जिसके लिए आप जूझे थे,वो सत्संग बन गया है

जिसके लिए ‘मुखर्जी जी’ हंस कर बलिदान हो गए थे
धरती के उस स्वर्ग की खातिर जो कुर्बान हो गए थे

आज आपके दो बेटों ने वो कर्तव्य निभाया है
स्वप्न आपका था जिसको अमली जामा पहनाया है

इतना था उत्साह हृदय में जिसका झुकना मुश्किल था
बिना आपको बात बताए मेरा रुकना मुश्किल था

मुझको,,लगता है सुषमा जी फर्ज निभाने चली गयीं
अपने ‘गुरुवर’ को जल्दी खुश खबर सुनाने चली गयीं

सुषमा जी को श्रद्धांजलि।
🙏🙏🙏

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