लॉक डाउन के शॉक : मंचीय कविता का बाजार डाउन, डीजल पेट्रोल सातवें आसमान पर
पीलीभीत। लॉकडाउन ने कई तरह के शॉक लोगों को दिए हैं । डीजल पेट्रोल के हर रोज बढ़ते दाम एक बहुत बड़ा झटका है जो प्रतिदिन हर आम ओ खास को झेलना पड़ रहा है। सुबह जब लोगों की आंख खुलती है तो डीजल व पेट्रोल पर 50-50 पैसे प्रति लीटर बढे हुए मिलते हैं। बढे दरों पर यह उत्पाद खरीदना लोगों की मजबूरी है।
उधर मंचीय कविता का बाजार काफी अधिक गिर गया है। कवि सम्मेलन हो नहीं रहे हैं। ऐसे में मंचीय कविता की पूछ कम हुई है। छोटे से लेकर बड़े कवि रचनाकार फेसबुक व अन्य सोशल माध्यमों से लाइव आकर अपनी वह कविता मुफ्त में ही सुना रहे हैं जिसके लिए कभी कार्यक्रमों के आयोजक लाखों रुपया खर्च किया करते थे। हालांकि श्रोताओं के लिए यह सुखद समय है जो उन्हें घर बैठे मुफ्त में कविताएं सुनने को मिल रही है। लेकिन दूसरा पहलू यह है कि कलाकार कवि व अन्य अपना जीवन कैसे गुजार रहे होंगे यह एक बड़ी समस्या है। जहां अर्थ बिन सब व्यर्थ है वही समय पास करना भी उनके लिए बड़ी समस्या है।