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हकीकत यह भी : दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मोटी रकम न दिलवा पाने में नपे घुँघचाई चौकी इंचार्ज

घुंघचाई। पुलिस भले ही अधिकांश मामलों में लोगों के प्रति संवेदनशील ना रही हो ऐसा लोग कहते हैं लेकिन जब एक धार्मिक स्थल से वापस आ रही ट्रैक्टर ट्राली ने राहगीर को टक्कर मार दी और वह घायल हो गया पुलिस ने संवेदना दिखाते हुए निजी वाहन से उपचार के लिए भिजवाया। ट्रैक्टर ट्राली को ला करके चौकी परिसर में खड़ा भी कर लिया लेकिन बीते दिनों हुई बारिश के कारण वहां पानी का बहाव ऐसा था की पुलिस अपने को बचाने के लिए इधर-उधर बच रही थी। इस दौरान संवेदना दिखाते हुए चौकी प्रभारी ने ट्राली को एक अन्य ट्रैक्टर के माध्यम से बैठे श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक रवाना करवा दिया। मामला यह नहीं है कि समाचार दर्शन किसी का पक्ष रख रहा है लेकिन निष्पक्षता में भी बारीकियां होनी चाहिए। घटनाक्रम में समझौते के रूप में घायल व्यक्ति के माध्यम से कई दौर की वार्ता उपचार कराने के लिए चली जो निष्फल हुई तो भुक्तभोगी की पत्नी के माध्यम से कुछ लोगों ने उसे भड़का कर उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया और घटनाक्रम बताया गया कि चौकी पुलिस ने सांठगांठ कर ट्राली को छोड़ दिया लेकिन पुलिस द्वारा पकड़ा गया ट्रैक्टर घटनाक्रम के समय से आज तक चौकी में ही मौजूद है। मामले को लेकर के विभाग के आला अधिकारियों ने चौकी प्रभारी मंगल सिंह का निलंबन का आदेश दे दिया लेकिन सूत्रों के अनुसार जो कार्रवाई की गई उसमें चौकी प्रभारी पूरी तरीके से बेदाग नजर आ जा रहे हैं। घटनाक्रम को लेकर के जब कोतवाल अशोक पाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अधिकारियों का फरमान है हालांकि जो ट्राली खड़ी कराई गई थी हाईवे पर उस से यातायात प्रभावित ना हो क्योंकि इस समय मॉडल थाना भी निर्माणाधीन स्थिति में चल रहा है। चौकी परिसर में पानी भरा था जगह के अभाव को चलते ट्राली रिलीज कर दी गई लेकिन ट्रैक्टर जिससे दुर्घटना हुई मौके पर ही चौकी परिसर में खड़ा है। अब बड़े अधिकारियों का फरमान है इसमें वे कुछ कहना नहीं चाहते वहीं लोगों का कहना है कि कई दौर की वार्ता के दौरान एक ओर जहां अधिकारियों को भ्रमित किया गया वही मोटी रकम मांग कर छिटपुट घटनाक्रम में घायल हुए व्यक्ति द्वारा बड़ी रकम मांगी गई थी जिस पर सुलह समझौता नहीं हो पाया मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। 

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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