अमरिया में किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन 210 किशोरियों के स्वास्थ्य की हुई जाँच

वजन व लम्बाई मापकर हेल्थ कार्ड बनाया गया

पीलीभीत। रष्ट्रीय किशोर स्वास्थय कार्य्रकम (आरकेएसके) के ज़िला समन्वयक ने बताया कि टीम ने राजकीय इंटर कॉलेज के कायर्क्रम में कुल 210 किशोरियों के स्वास्थय की जांच कर उनकी स्क्रीनिंग की गयी | जिसके तहत खून की जाँच, लम्बाई वजन की जाँच कर उनका स्वास्थ्य कार्ड बनाया गया साथ ही में उनसे मासिक धर्म पर भी बात की। काउंसलर फरहत जहां ने बताया कि किशोरियों में, 9 किशोरियों का हिमोग्लोबिन 10 से कम, 8 किशोरियों में अनियमित मासिक धर्म व् 11 किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द की समस्या सामने आई | किशोरियों के आँखों की भी जाँच की गयी व समस्याग्रस्त किशोरियों को सामुदायिक स्वास्थय केंद्र बुलाया गया हैं जहाँ इन्हें सलाह दी जाएगी और दवाएं भी जाएँगी | साथ ही साथ आरकेएसके से सम्बंधित आईईसी प्रपत्र भी दिए गए | उन्हींने कहा कि

किशोर स्वास्थय कार्यक्रम सरकार द्वारा बहुत ही अच्छी पहल है। इस कार्यक्रम के द्वारा किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं को दूर करने का एक सफल प्रयास कर रही है जिसमें आप सभी की सहभगिता जरूरी है क्योंकि आगे चलकर आपकी शादी होगी और माँ बनेंगी अगर आप स्वस्थ होंगी तभी आपका होने वाला बच्चा भी स्वस्थ होगा |
बताया कि किशोरियों में खून की कमी अर्थात एनीमिया की समस्या प्रमुख है | ऐसी किशोरियों की आँखें, नाखून व् हथेलियाँ सफ़ेद हो जाती हैं, जल्दी थकान आती है, चक्कर आते हैं व पैरों में सूजन आ जाती है | आरकेएसके के तहत वीकली आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक कार्यक्रम चलाया जा रहा है | इसके अंतर्गत 10-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को आयरन फोलिक एसिड की नीली गोली (110 मिग्रा आयरन एवं 500 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड) हर सप्ताह खिलाई जाती है | किशोरियों में इसका मुख्या जंक फ़ूड का सेवन व् पेट के कीड़ों का होना है | इस आयु में पौष्टिक भोजन का सेवन शारीरिक परिपक्वता लाने में मदद करता है | इससे ताकत मिलती है, पढ़ने लिखने व् खेलकूद में मन लगता है, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है व् शारीरिक व् मानसिक विकास होता है | जब हम जंक फ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करते हैं तो यह खाने में स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन इनमें पौष्टिकता के नाम पर कुछ भी नहीं होता है | इन खाद्य पदार्थों में नमक व चीनी की मात्रा अधिक होती है जो कि सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं जिला समन्वयक अबसार अहमद ने बताया कि एनीमिया का मुख्य कारण पेट में कीड़े होना होता है | इसके लिए साल में 2 बार (फरवरी एवं अगस्त ) कृमि मुक्त दिवस मनाया जाता है | यह 29 अगस्त को मनाया जाएगा | जिसमें 1-19 वर्ष की आयु के सभी लोगों को 400 मिग्रा की एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी | 1-2 वर्ष के बच्चों को 200 मिग्रा की व 2-19 वर्ष के बच्चों को 400 मिग्रा की एक गोलों चबाकर खानी है | 2 वर्ष से काम आयु के बच्चों को दवा का चूरा कर खिलानी है | जो बच्चे इस दिन दावा नहीं खा पायेंगे उन्हें 30 अगस्त से 4 सितम्बर तक मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जायेगी |
इस अवसर पोस्टर प्रतियोगिता भी कराई गई। यहां प्रधानाचार्य उस्मान, एमओआईसी डॉ लोकेश गंगवार , आरबीएसके टीम से डॉ इमरान व डॉ रजनी उपस्थित रहे।

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