
पुलिस के डर से ग्रामीणों का पलायन : सोंधा में ना ठाकुर जी की पूजा हुई न खुला गांव का स्कूल, गाड़ियों की आवाज से अभी भी सहम रहे बच्चे
पूरनपुर। सोंधा गांव में हुए बवाल के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को घरों में से दरवाजे तोड़कर पकड़ने के बाद इस कदर दहशत बैठ गई है कि अब गाड़ियों की आवाज सुनकर ही बच्चे रोने लग जाते हैं और महिलाएं अपने दरवाजे बंद किए हुए हैं। पूरे गांव में एक भी पुरुष नजर नहीं आता। सभी लोग गांव छोड़कर पलायन कर गए हैं। पुजारी के चले जाने के कारण आज गांव में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर में भगवान की पूजा भी नहीं हुई और ना मंदिर के कपाट खुले। गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षक तो पहुंचे लेकिन किसी भी अभिभावक ने अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजा। इसके चलते शिक्षक भी वापस लौट गए। गांव में पहुंचे 2 भिखारियों की हालत तब खराब हो गई जब उन्हें कोई भी दरवाजा किसी भी घर का खुला नहीं मिला। बेचारे भिखारी एक तरफ से घुसकर दूसरी तरफ यूं ही वापस लौट गये। कई फेरी लगाकर समान बेंचने वालों का भी यही हाल हुआ। हर कोई पुलिस के डर से सहमा हुआ है। कुछ लोग जंगल में शरण लिए हैं तो कुछ ने इधर-उधर अज्ञात स्थानों पर बैठकर बचने का प्रयास किया। काफी संख्या में लोग रिश्तेदारी में शरण लिए हुए हैं। महिलाएं किसी तरह घरों में डर कर रह रही हैं।
किसी का बच्चा बीमार तो किसी को बच्चे का इंतजार
पुरुषों के ना रहने से कई तरह की समस्याओं का सामना भी लोगों को करना पड़ रहा है। किसी का बच्चा बीमार है तो उसे दवाई नहीं मिल पा रही है। एक महिला गर्भवती है और उसका पति 24 घंटे से घर से गायब है। ऐसे में डिलीवरी के समय में अगर दिक्कत हुई तो महिला क्या करेगी यह सवाल लोगों के जेहन में गूंज रहा है।
आज रात गांव में आ गए बदमाश तो क्या होगा हाल
एक दिन पूर्व तो बदमाशों के आने की सूचना पर जो हंगामा हुआ वह तो ठीक था लेकिन अगर आज गांव में चोर बदमाश पहुंच गए तो उनकी तो पूरी तरह चांदी होगी क्योंकि गांव में एक भी पुरुष नहीं है। ऐसे में बेचारी महिलाएं चोर बदमाशों का सामना कैसे करेंगी यह अहम सवाल है। पुलिस ने भी गांव की तरफ दुबारा जाने की हिम्मत नहीं दिखाई। पुलिस वाले जाते हैं तो दो-चार गाड़ी ले जाकर दहशत कायम करते हैं। सीओ कमल सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इस मामले में कुछ ना कहते हुए फोन काट दिया।
विधायक ने एसपी से कहा खत्म कराओ दहशत का माहौल
विधायक बाबूराम पासवान का कहना है कि पुलिस के आला अधिकारियों से वार्ता हुई है और अज्ञात में किसी भी ग्रामीण को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन की ज्यादती की बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बताई गई है। एसपी से विधायक ने कहा कि पुलिसिया दहशत खत्म कराओ। एसपी से वार्ता के बाद सीओ कमल सिंह पुलिस का पक्ष रखने विधायक के घर गए पर विधायक की कई बातों का जबाब उनपर नही था। विधायक ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे सीओ व एसओ गांव जाकर ग्रामीणों को गांव में रहने के लिए आश्वस्त करेंगे। उनके अनुसार किसी को भी अब अज्ञात में गिरफ्तार नही किया जाएगा। माना जा रहा है कि सेहरामऊ उत्तरी पुलिस पर गाज गिर सकती है।
पुलिस गश्त करती तो नहीं होता यह हाल
जब से डायल हंड्रेड की गाड़ियां चली हैं तब से पुलिस वालों ने गश्त करना ही छोड़ दिया। सेहरामऊ थाना क्षेत्र में गश्त के नाम पर कोई पुलिसकर्मी बाहर नहीं निकलता। सुल्तानपुर चौकी का स्टाफ भी चौकी पर सोता रहता है और थानाध्यक्ष लंबा क्षेत्र होने के कारण कुर्रैया क्षेत्र में नहीं आते। बीती रात जब सोंधा में पुलिसकर्मियों से विवाद हुआ उसके बाद भी थानाध्यक्ष ने गांव जाने की जहमत नहीं उठाई। अगर थानाध्यक्ष समय से गांव पहुंच जाते तो मामले को यूं ही निपटाया सकता था परंतु उन्होंने गांव ना जाकर पुलिस अधिकारियों को बढ़ा चढ़ाकर मामला बताया और यह सब पूरी घटना घटी। इसके लिए सेहरामऊ पुलिस को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। विधायक बाबूराम पासवान ने इसको लेकर सेहरामऊ इंस्पेक्टर की भी फटकार लगाई है और उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है।
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