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नहीं रहे गीतकार किशन सरोज, दौड़ी शोक की लहर

“नागफनी आँचल में बाँध सको तो आना,
धागों बिंधे गुलाब हमारे पास नहीं हैं।”

“कर दिये लो आज गंगा में प्रवाहित,
सब तुम्हारे पत्र, सारे चित्र तुम निश्चिन्त रहना।”
– स्व0 किशन ‘सरोज’

अभी कुछ देर पूर्व ही यह दुःखद समाचार मिला कि साहित्य भूषण, गीत ऋषि आदरणीय किशन सरोज जी का देहावसान हो गया। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति व परिजनों को धैर्य प्रदान करे। ये साहित्य जगत की अपूर्णीय क्षति है।
ॐ शान्ति

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