बाघ के हमले में बाल-बाल बचा किसान, मचा हड़कंप
*गजरौला*। टाइगर रिजर्व बनने के बाद से मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं आम हो गई। टाइगर रिजर्व से सटे गांवो के ग्रामीणों को खेती किसानी करने में वन्यजीवों का खतरा बना रहता।
माला रेंज से सटे गांव महुआ में सोमवार को रामबहादुर अपने पुत्र खेमकरन और मजदूरों के साथ अपने ही खेत मे गन्ने की छिलाई कर रहे
थे। करीब तीन बजे गन्ना को ट्राली पर लोड कर चलने वाले ही थे। कि अचानक गन्ने के खेत मे छिपा बैठा बाघ खेमकरन को पीछे से झपट पड़ा।बताया जा रहा कि बाघ के पंजों में शर्ट फंस गई। जिससे से खेमकरन की जान बच गई। खेमकरन भागकर ट्राली पर चढ़ गया शोरशराबा करने पर बाघ गन्ने में भाग गया। घटना की सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम देरी से घटना स्थल पर पहुंची।
*खेमकरन पर पहले भी हमला कर चुकी है बाघिन*
20 नबम्बर 2018 को गन्ने की सिंचाई कर रहे खेमकरन पर शावक के साथ गन्ने के खेत मे बैठी बाघिन ने हमला कर दिया।हमले में खेमकरन का पैर बुरी तरह घायल हो गया था। जिसका इलाज जिला अस्पताल में लगभग छः माह चला। *रिपोर्ट महेन्द्र पाल गजरौला*
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