
कवि व पत्रकार प्रदीप मिश्र की तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
घर घर दीप ज्योति प्रज्ज्वलित सदैब रहे,
दीप पर्व जैसा ही उल्लास होना चहिए।
त्याग सारे बैर भाव दिल में जलाओ दीप,
आस पास दीन न निराश होना चाहिए।
सफल दीवाली तब दीप ज्योति जले जब,
सारे अहंकारों का भी नाश होना चाहिए।
घर द्वार जगमग, झिलमिल दिखे जग,
मन में श्रीरामजी का वास होना चाहिए।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएओं के साथ।
प्रदीप मिश्र
कवि/ शिक्षक/पत्रकार
सपहा, पूरनपुर, पीलीभीत
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