टाइगर रिजर्व के अधिकारी ही देखेंगे तराई हाथी रिजर्व का काम, बजट का है इंतजार

तराई हाथी रिजर्व को बजट की दरकार

-हाथी रिजर्व के मुख्यालय पर भी असमंजस

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पीलीभीत। अपने यहां के टाइगर रिजर्व के अलावा दुधवा नेशनल पार्क और कर्तनिया घाट टाइगर रिजर्व के 30 वन रेंजों के 3072 वर्ग किमी से अधिक एरिया में तराई हाथी रिजर्व बनाने की मंजूरी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है परंतु अब इंतजार है इस नए हाथी रिजर्व के लिए बजट का। अभी तक यह भी तय नहीं हुआ है कि हाथी रिजर्व का मुख्यालय कहां रहेगा और इसकी बागडोर किन अधिकारियों पर होगी। इन अफसरों की तैनाती भी अभी तक फिलहाल नहीं की जा सकी है। हाथी रिजर्व के बोर्ड लगाने का काम भी अभी शुरू नहीं हुआ है।


केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा नेशनल पार्क व कर्तनिया घाट टाइगर रिजर्व की 30 वन रेंजों के 3072 वर्ग किलोमीटर से अधिक रकवे को शामिल करके तराई हाथी रिजर्व बना दिया है परंतु अभी यह हाथी रिजर्व सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। देश के इस 33वें हाथी रिजर्व के लिए अभी कोई भी बजट जारी नहीं किया गया है, और न ही इसमें किसी अधिकारी की तैनाती की गई है। इस हाथी रिजर्व का मुख्यालय कहां रहेगा यह अभी तय नहीं हुआ है। दुधवा नेशनल पार्क, पीलीभीत टाइगर रिजर्व अथवा कर्तनिया घाट में से किसे मुख्यालय के लिए उपयुक्त माना जाएगा यह असमंजस में है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में भी असमंजस बना हुआ है।
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टाइगर रिजर्व के अफसर ही सम्हालेंगे हाथी रिजर्व : रमेश पांडे

इस मामले में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में आईजी के रूप में तैनात आईएफएस रमेश पांडे जो इस समय देश में एलीफेंट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर भी हैं, से बात की गई तो उनका कहना था कि टाइगर रिजर्व व हाथी रिजर्व का बजट एक साथ ही जारी होगा। मुख्यालय को लेकर उनका कहना था कि सभी अपने अपने क्षेत्रों से इसका काम देखेंगे। उनके अनुसार टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को हाथी रिजर्व का काम भी सौंपा जाएगा।

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