
चारे का विकल्प : घुँघचाई के गांव से हजारा भेजी गई 8 ट्राली पराली
घुंघचाई। पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगे इसको लेकर के धान की पराली ना जले शासन गंभीर है। प्रशासनिक अफसरों ने ग्रामीणों के बीच पहुंच कर पराली न जलाने के लिए कई बैठकें कीं। अब इसको एक नया आयाम दिया जा रहा है। बीते दिनों भारी बरसात व बाढ़ से हजारा और शारदा के किनारे बड़े पैमाने पर एक और जहां धान गन्ना सहित कई फसलें बर्बाद हो गई और मवेशियों के लिए खाने को कुछ नहीं है। उनकी जीविका के लिए प्रशासन की पहल पर ग्राम पंचायत नारायनपुर से ग्राम प्रधान की अगुवाई में एसडीएम रामस्वरूप में 8 ट्रैक्टर ट्राली से धान की पराली भिजवाई। इस दौरान कई जगह छिटपुट जगह लोग पराली फूंकते देखे गए तो उन्हें समझाया गया कि पूरे खेत से पराली हटा ली लेकिन कुछ पराली को क्यों नहीं हटाया। ग्रामीणों को समझाने के दौरान उन्होंने कहा कि यह सब पर्यावरण के लिए काफी दुष्प्रभावी भी है। हमने इस संबंध में खुद ग्राम प्रधान कंधई सिंह और एसडीएम रामस्वरूप से उनके विचार जाने। लिंक पर क्लिक करके सुनें-
उन्होंने बताया कि मवेशियों को भी पराली के रूप में शारदा के किनारे जहां बड़ा नुकसान हुआ है वहां पर पहुंचने से समस्या का निदान होगा। इस दौरान वहां पर प्रमुख रूप से गंगाराम, महेश कुमार, त्रिलोक सिंह, हरिओम सिंह, चरण सिंह, विशंभर सिंह सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। इस कार्य को लोगों ने भी काफी सराहा। रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।