तीर्थयात्रा : पुत्र प्राप्ति की कामना है तो जरूर दर्शन कर आएं माता सती के दरबार
(एमएच खान की दरभंगा बिहार से खास रिपोर्ट)
दरभंगा(बिहार)के शुभंकरपुर मोहल्ला जो महाराजी पुल होते हुए शुभंकरपुर को जाती है ! शुभंकरपुर मोहल्ले में बागमती नदी के किनारे माता सती का स्थान! यहां प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को दूर-दूर से भक्त माता सती का दर्शन करने आते हैं!इस स्थान पर विशेषकर कार्तिक महीने में मेला का आयोजन किया जाता है! मोहल्ले के बुद्धिजीवी से बात करने के बाद पता चला माता सती के पति के देहांत के उप्रांत माता सती अपनी स्वेच्छा से अपने पति की चिता की अग्नि में प्रवेश कर प्राण त्याग दिए। जिसका तात्पर्य यह है कि माता सती अपने पति के प्रति सच्ची स्नेह और प्यार को दर्शाती है और अपने पति परमेश्वर के बिना इस धरती पर जीवन
जीवित रहना नहीं चाहती थी! इसलिए अपने पति के अग्नि में अपनी स्वेच्छा से आत्मदाह कर ली! इसी आस्था के साथ भक्त जन दूर दूर से यहां आते हैं और अपने पति के प्रति स्नेह और प्यार दर्शाते हैं! लोगों का यह मानना है कि निसंतान भी यहां आते हैं तो उनको संतान की प्राप्ति हो जाती है! समस्या यह है कि जिस सस्ती स्थान पर भक्तजन दूर-दूर से आते हैं उसी सती स्थान को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा! इसका तात्पर्य यह है कि सती स्थान को कुल 13 धुर जमीन प्राप्त है जो जमीन रोड से सटे एक निजी व्यक्ति का है उसके पीछे माता सती का स्थान और सड़क के किनारे से 6 फीट की रास्ता प्रांगण में जाती है!कार्तिक महीने में यहाँ मेला का आयोजन किया जाता है! यह स्पष्ट है कि मेला के लिए काफी स्थान का होना आवश्यक है एवं उनके पार्किंग के लिए एवं दुकानदारों के लिए स्थान का होना अनिवार्य! अभी तो यह समस्या उत्पन्न नहीं है क्योंकि जगह खाली हैं! स्थान की समस्या मोहल्ला वासियो के लिए चिंता का विषय उत्पन्न हो चुकी है।
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