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बिलसंडा में पराली जलाने को लेकर भड़के काश्तकार, काश्तकारों ने किया प्रदर्शन

प्रशासन का किया रिपोर्ट दर्ज कराने का विरोध

बिलसंडा। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले तमाम किसान एकत्र हुए और पराली जलाने पर हो रही एफआईआर का जमकर विरोध किया। काश्तकारों ने कहा प्रशासन शासन पराली को उठवाने का खुद प्रबंध करे या फिर किसानों को पराली जलाने से न रोका जाये। यदि प्रशासन ने काश्तकारों के खिलाफ पराली जलाने का मुकदमा दर्ज कराया तो इसके भंयकर परिणाम होंगे। विदित हो मंगलवार को बिलसंडा थाने में पांच काश्तकारों के खिलाफ पांच एफआईआर थाने में तहसीलदार बीसलपुर के विवेक त्रिवेदी के निर्देश पर दर्ज कराई गई थी। इससे काश्तकार भड़क उठे। काश्तकारों ने कहा कि प्रशासन धान का मूल्य तो दिला नहीं पा रहा है और काश्तकारों का मिल वाले धान क्रय केंद्रों पर खुला शोषण हो रहा है। ऊपर से पराली के नाम पर लूट खसोट हो रही है। इसको लेकर काश्तकारों ने आंदोलन उग्र रूप से किया।काश्तकारों ने प्रदर्शन के दौरान विरोध में जोरदार नारे भी लगाये।

इस मौके पर गुरूदेव सिंह, लखबंत सिंह, हरजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, गुलाव सिंह, साहब सिंह, सतनाम सिंह, जसपाल सिंह,प्रेम सिंह,मलकीत सिंह,गुरजीत सिंह, कुलदीप सिंह, बाज सिंह, हरदीप सिंह, सुखबिंदर सिंह, जगजीत सिंह, रमेश शर्मा,प्रहलाद सिंह सहित सैकड़ों काश्तकार मौजूद थे।

एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

बिलसंडा। काश्तकारों ने बीसलपुर जाकर एसडीएम सौरभ दुबे को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में 23 अक्टूबर तक की गई एफआईआर वापस न लेने वाले पराली नष्ट करने की प्रशासन द्वारा अपने स्तर से व्यवस्था न कराने पर 24 अक्टूबर से बिलसंडा कमल पार्क पर अनिश्चितकालीन धरना देने का ऐलान किया है।

काश्तकारों के सवाल पर निरोत्तर हुए हाकिम

काश्तकार–क्या पराली नष्ट करने के यंत्र उपलब्ध कराये गये-? क्या व्यवस्था की गई है, पराली नष्ट किए जाने की–?

काश्तकार—पराली जलानें पर कोर्ट के एफआईआर के आदेश है, और गन्ना के बकाया भुगतान न होने पर भी कोर्ट की अवेहलना गन्ना मिल प्रशासन कर रहा है। हम सभी तहरीर दे रहे है,आप मिल बालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएंगे क्या—?

धान का समर्थन मूल्य दिलाने के आदेश है, नहीं मिल रहा है, तो क्या एफआईआर होगी–?

*पराली जलाने से प्रदूषण को लेकर काश्तकारों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई तो दीपावली पर पटाखों से होने वाले प्रदूषण के लाइसेंस भी आपके द्वारा क्यों जारी किए गए–? उनसे भी तो प्रदूषण हो रहा है।

एसडीएम–सभी काश्तकारों के सवालों पर निरोत्तर दिखे और कहा, कि कोर्ट का आदेश है, पराली न जलाने का।

रिपोर्ट मुकेश सक्सेना एडवोकेट/ राजेन्द्र वर्मा

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