जंगल में दुबके वन्यजीव, पीटीआर में बाघ गणना प्रभावित

पीटीआर में टाइगर गणना पर भी सर्दी का असर, फरवरी में शुरू हो सकेगी गणना

-पहले फेस में शुरू हुई किशनपुर सेंचुरी में गिनती, तय समय पर खाली नहीं हुए स्वचालित कैमरे

-अब पीटीआर में फरवरी माह में शुरू हो सकेगी बाघों की गणना

पीलीभीत। टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य भी भीषण सर्दी के चलते प्रभावित हुआ है। वन्य जीव सर्दी के चलते जंगल की झाड़ियों में दुबके हुए हैं, उनके कैमरे के सामने न आने से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पीटीआर के स्वचालित कैमरे भी दुधवा नेशनल पार्क की किशनपुर सेंचुरी की गणना में फंस जाने से अपने यहां गणना कार्य में बिलंब हो रहा है।
वनाधिकारियों ने बाघों की गणना के लिए 4 फेस की घोषणा करते हुए इसे फेस 4 नाम दिया था। उनका कहना था कि पहले चरण में दुधवा नेशनल पार्क की किशनपुर सेंचुरी क्षेत्र में बाघों की गिनती की जाएगी। इसके लिए दिसंबर माह का समय तय था। 1 जनवरी से दूसरे फेज की गणना पीलीभीत टाइगर रिजर्व में शुरू होनी थी और फरवरी में दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की गिनती की जानी थी। इसके बाद कर्तनिया घाट में बाघों की गिनती प्रस्तावित थी। अधिकारियों ने पहले फेस की किशनपुर सेंचुरी क्षेत्र में बाघों की गणना का कार्य दिसंबर 2019 में ही शुरू करा दिया था। इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व के स्वचालित कैमरे भी लगाए गए हैं। विभागीय सूत्रों का मानना है कि सर्दी के इस मौसम में वन्यजीव जंगल में ही छिपे हुए हैं और बाहर बहुत कम निकल रहे हैं। उनके कैमरों के सामने न आने से गणना का कार्य प्रभावित हो रहा है। यही कारण है कि किशनपुर सेंचुरी क्षेत्र में दिसंबर माह में बाघों की गिनती का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इसके चलते फेज 4 की गणना का पूरा शेड्यूल ही गड़बड़ा गया है। 1 जनवरी से प्रस्तावित पीलीभीत टाइगर रिजर्व की गणना में विलंब हुआ है। अभी तक गणना कार्य शुरू नहीं हो पाया है जबकि आधी जनवरी बीत चुकी है। माना जा रहा है कि जनवरी भर में किशनपुर सेंचुरी क्षेत्र में बाघों की गिनती होगी और उसके बाद फरवरी में ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गणना कार्य शुरू हो सकेगा।

देरी होने से गणना के परिणाम भी होंगे प्रभावित

गणना कार्य में देरी होने से वनाधिकारी तो परेशान है ही वन्यजीव प्रेमी भी निराश हो रहे हैं। लोगों को यह जानने की उत्सुकता है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की वंशवेल में कितनी वृद्धि हुई है। यह फिक्र भी सता रही है कि अगर गणना कार्य में विलंब होगा तो गणना के परिणाम भी देर से घोषित किए जाएंगे। इसके चलते लोगों को बाघों की संख्या देर से पता चल सकेगी।

जानिए क्या कहते हैं वन विभाग के आला अधिकारी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 1 जनवरी से बाघों की गणना शुरू होनी थी परंतु यहां के स्वचालित कैमरे किशनपुर सेंचुरी क्षेत्र में चल रही बाघ गणना में लगाए गए थे वहां पहले फेस की गणना का कार्य समय से पूरा नहीं हो सका है। इसी कारण पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जनवरी में गणना शुरू नहीं कराई जा सकी है। अब 1 फरवरी से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती का कार्य कराया जाएगा।

एच राजा मोहन राव
फील्ड डायरेक्टर पीलीभीत टाइगर रिजर्व।

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