उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की उपचार के दौरान मौत, 44 घंटे किया मौत से संघर्ष
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता दिल्ली के बड़े अस्पताल में जिंदगी के लिए करीब 44 घंटे तक जूझती रही लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। उसकी हालत देख डॉक्टरों की भी आंखें नम हो रही थीं। डॉक्टों ने बताया कि पूरी कोशिश की। थोड़ी-बहुत बात करते-करते वह बेहोश हो रही थी। उसके महत्वपूर्ण अंग शाम तक काम कर रहे थे, लेकिन हालत लगातार गिर रही थी। पीड़िता को गुरुवार देर रात लखनऊ के सिविल अस्पताल से एयरलिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बर्न यूनिट के प्रमुख डॉ. शलभ और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि पीड़िता को वेंटिलेटर पर रखा गया था। क्यों नब्बे फीसदी तक जलने से उसके शरीर से काफी तरल पदार्थ बह चुका था और बचना मुश्किल था। उसका भाई उसके साथ गुरुवार को ही सफदरजंग अस्पताल पहुंच गया था। मां और बहन शुक्रवार को अस्पताल पहुंचीं। रात करीब 11.40 पर उन्हें दुखद खबर मिली।
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