कवि संजीव ‘शशि’ का एक गीत कविता चोरों के नाम, जरूर पढिये

पीलीभीत। अक्सर कविताएं चोरी हो जाती हैं। पीलीभीत के सुप्रसिद्ध कवि संजीव मिश्र शशि ने ऐसे कविता चोरों के लिए यह गीत लिखा है। पढ़िए क्या कहना है ‘शशि’ का ……. 

“दूसरे की रौशनी ले चंद्र जैसा क्या चमकना ।
सूर्य बनना यदि कठिन हो दीप बन करके दमकना ।।

बरगदों की छांव में कब,
कोई पौधा बढ़ सका है ।
दूसरों का ले सहारा,
कौन पर्वत चढ़ सका है ।

यह सहारे हैं छलावा एक क्षण भी मत बहकना ।
सूर्य बनना यदि कठिन हो दीप बन करके दमकना ।।

जो सृजन निज लेखनी से,
बस वही पहचान होगा ।
आज यदि तुम हो उपेक्षित,
कल यहीं सम्मान होगा ।

कागजों के फूल कब तुम अपनी खुशबू से महकना ।
सूर्य बनना यदि कठिन हो दीप बन करके दमकना ।।”

गीत – संजीव मिश्र ‘शशि’
पीलीभीत
मो. 08755760194

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