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जानिए अयोध्य्या के श्री राम मंदिर निर्माण हेतु केंद्र सरकार द्वारा बनाये ट्रस्ट में किस-किस को मिली जगह

भगवान श्री रामचंद्र जी का भव्य मंदिर बनाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने के 3 महीने के अंदर ही आज मोदी सरकार ने ट्रस्ट का गठन पूरा कर लिया। इसमें 15 ट्रस्टी शामिल किए गए हैं। देखिए इनका पूरा विवरण-

राममंदिर ट्रस्ट में ये होंगे ट्रस्टी

1. के पाराशरण: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। इन्होंने अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित।

2. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज): बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य। हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में केस दाखिल किया था।

3. जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज: कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली।

4. युगपुरुष परमानंद जी महाराज: अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख। वेदांत पर 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था।

5. स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज: महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ। रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।

6. विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा: अयोध्या राजपरिवार के वंशज। रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी। 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, हारे। इसके बाद कभी राजनीति में नहीं आए।

7. डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर: मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी अनिल अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर हैं। वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं। मिश्रा ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं।

8. श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य): संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। उन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका और दलित होने के नाते उन्हें यह मौका दिया गया। 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा।

9. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।

10. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।

11. महंत दिनेंद्र दास: अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख। ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।

12. केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।

13. राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।

14. अयोध्या जिले के कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे। वे हिंदू धर्म को मानने वाले होंगे। अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे।

15. राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा। उनका हिंदू होना जरूरी है।

यह खास नियम:

जो ट्रस्टी हैं उनकी ओर से (सीरियल नंबर 2 से 8 तक के) 15 दिन में सहमति मिल जानी चाहिए। ट्रस्टी नंबर 1 इस दौरान ट्रस्ट स्थापित कर अपनी सहमति दे चुका होगा। उसे सीरियल नंबर 2 से सीरियल नंबर 8 तक के सदस्यों की तरफ से ट्रस्ट बनने के 15 दिन के अंदर सहमति ले लेनी होगी।

जानिए ट्रस्ट क्यों बनाया गया है?

a) अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए।

b) बड़ी पार्किंग, श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधा, सुरक्षा के लिए अलग से जगह, परिक्रमा के लिए सही इंतजाम करने होंगे। श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, किचन, गौशाला, प्रदर्शनी, म्यूजियम और सराय का इंतजाम करना होगा।

(c) कानूनी रूप से ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर निर्माण के लिए पैसे और अन्य महत्वपूर्ण चल-अचल संपत्तियों को खरीदने, दान लेने या किसी दूसरे तरीके से इन चीजों को इकठ्ठा करेंगे। उसकी देखरेख का इंतजाम करेंगे।

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