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अब गोमती मइया को मिलेगा आकार, शासनादेश जारी, पैमाइश शुरू, चौड़ीकरण और खुदाई की उम्मीद से गोमती भक्त उत्साहित

घुंघचाई। शासन अब नदियों के लिए सजग हुआ तो इनका सीमांकन भी शुरू किया जा रहा है। शासन के फरमान के बाद राजस्व विभाग की टीम गोमती के सीमांकन के लिए फिर से सक्रिय हो गई। अब अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों को हटाया जाएगा वही अविरल धारा की राह में अवरोध बने किसानों की जमीन अधिग्रहित कर उनको मुआवजा दिया जाएगा। शासन की इस पहल से अब लगता है कि गोमती की अविरल धारा बह सकेगी। गोमती गंगा यात्रा के तहत शासन द्वारा बड़े पैमाने पर कार्य किया जाना शुरू हो चुका है। जिसके तहत प्रदेश के कई जनपदों में बड़े कार्यक्रम शुरू किए जा चुके हैं वही प्रदेश की शान कही जाने वाली गोमती के भी उत्थान के लिए शासन द्वारा कबायद शुरू की जा चुकी है। इसको लेकर प्रदेश शासन की ओर से सभी जिला अधिकारियो को पत्र भेजकर गोमती की अविरल धारा में जमीन की आख्या मांगी और निर्धारित किया गया कि गोमती की अविरल धारा बहाने के लिए जो भी अवरोध हैं उनको दूर किया जाए और इसके सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की टीमों को भेज कर पैमाइश शुरू कराई जा चुकी है जो जल्द ही जनपद के बड़े अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देगी। इस बीच गोमती की जमीन के अलावा अगर किसी काश्तकार की जमीन गोमती बहाव के क्षेत्र में आती है तो उसको शासन की ओर से मुआवजा देने के लिए कबायद शुरू की गई है। इसको लेकर ही सर्वे किया गया था। इसको लेकर क्षेत्र के घाटमपुर कल्यानपुर गोपालपुर अजीतपुर बिलहा सहित कई पंचायतों के किसानों की जमीन की पैमाइश का काम शुरू कर दिया गया है। अब गोमती के बहाव क्षेत्र अधिक बड़ा हो जाएगा। जिससे बरसात के दिनों में काश्तकारों को काफी फायदा मिलेगा। वही अगर किसी काश्तकार की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है तो शासन द्वारा उसको मुआवजा भी देने का प्रावधान इस बार किया गया है। पैमाइश करा रहे लेखपाल मान सिंह ने बताया कि शासन द्वारा नदी का सीमांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिसकी सर्वे करने के दौरान पूरी आख्या जल्दी शासन को भेजी जाएगी जो भी निर्देश होंगे उनका पालन किया जा रहा है जिन किसानों की जमीन नदी में फंस रही है उनको मुआवजा भी दिलाया जाएगा। गोमती से जुड़े लछमन प्रसाद वर्मा ने बताया कि 50 मीटर चौड़ाई में गोमती नदी की खुदाई कराई जाएगी। इसको लेकर गोमती भक्त खुश हैं। 

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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