♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

साहब ! एक गुरु जी इधर भी भेज दीजिये ना…

बिलसंडा। बीएसए साहब बिलसंडा वालों की भी सुनिए, आपका निष्ठा प्रशिक्षण चल रहा है, अच्छी बात है। आपके शिक्षा की गुणवत्ता के कार्यक्रम चल रहे हैं, सुंदर बात है, लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं, कि एक स्कूल ऐसा भी है जिसमें शिक्षकों का इस कदर टोटा है, कि पिछले तीन वर्षों से एक प्राइवेट शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाने में लगा हुआ है और स्कूल सरकारी शिक्षक की भीख मांगता हुआ आपकी तरफ निहार रहा है। अब भला आप ही बताइए, कि निष्ठा प्रशिक्षण की निष्ठा का प्रभाव कहां तक होगा–?। अब देखिए साहब जी बिलसंडा विकास क्षेत्र में एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय ऐसा भी–? जहां के स्कूल के मुख्य गुरु जी अकेले ही कक्षा 6,7,8 के कुल 135 बच्चों को संभाले तो थे, ऐसे में आप

समझ ही रहे होंगे कि पढ़ाई क्या सिर्फ घेराबंदी ही कायदे हो जाये तो बेहतर बात है। क्योंकि एक साथ तीनों कक्षाओं की क्लास लेना संभव नहीं था फिर मुख्य गुरु जी को विभागीय कार्यों से भी बाहर जाना पड़ता। ऐसे में एक ही कैंपस में स्थित प्राइमरी स्कूल के सहायक का सहारा लेना पड़ता, अभी भी प्राइमरी के गुरु जी इस पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की दिशा व दशा संभालने में सहयोग कर रहे हैं। इस संबध में मुख्य गुरु जी ने हाकिमों से कई बार मांग रखी, कि शिक्षक मुहैया कराये जाये लेकिन किसी ने नहीं सुनी तो मुख्य गुरु जी ने पडोसी गांव के एक शिक्षित युवक को 1800 रूपए मासिक मानदेय पर रख लिया। यह मानदेय भी शासन सरकार से नहीं मिलता वल्कि मुख्य गुरु जी अपने वेतन से ही देते हैं। शिक्षक भले मानदेय पर हो, वो भी महज 1800 रूपए मासिक पर, लेकिन यह बेरोजगार इस छोटे से रोजगार को भी अपनी जिंदगी और जीविका समझते हुए हाड़तोड़ मेहनत बच्चों की पढ़ाई के लिए करता है। क्षेत्रीय लोग बच्चे और मुख्य गुरु जी उसकी तीन वर्षों की सेवा से बेहद खुश हैं और सराहना करते हैं। ऐसे कई स्कूल है जिनका दर्द ही कुछ ऐसा ही है।आप यह भी कहेंगे कि शिक्षक के अभाव की कहानी तो आपको सुना दी, लेकिन स्कूल और शिक्षक का नाम नहीं बताया,वो इसलिए भी नहीं उल्लेख किया कि नाम छपते ही भले ही सरकारी शिक्षक का प्रबंध स्कूल में हो पायेगा भी या नहीं, हां लेकिन इतना जरूर है,कि उस वेरोजगार प्राईबेट शिक्षक की नौकरी की शामत जरूर आ जायेगी। इसलिए कुल मिलाकर इस स्कूल के बच्चों के लिए एक अलग सरकारी शिक्षक की जरूरत जरूर है, यदि संभव या जरूरी हो तो साहब जी एक गुरु जी का प्रबंध इधर भी करा दीजिएगा।

रिपोर्ट-मुकेश सक्सेना एडवोकेट

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000