♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

सवर्ण आरक्षण बिल को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नई दिल्ली : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण वाले बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब यह कानून बन चुका है। इससे पहले संसद ने बुधवार को सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण देने के लिए 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया था। हालांकि कई विपक्षी दलों ने चुनाव से पहले बिल की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे।
लोकसभा चुनाव से पहले इसे मोदी सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। आपको बता दें कि सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है। इसके लिए संसद ने 124वां संविधान संशोधन किया है।
उधर, 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। गैरसरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वैलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती है।
बीते दिनों एससी/एसटी ऐक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्‍यों में मिली हार के मद्देनजर इसे सवर्णों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000