अटल जी के प्रति

K

एक वोट के लिए नोट की गठरी देते खोल।

पीएम की कुर्सी का बोलो कितना होता मोल।।

पर तुमने ठुकराई कुर्सी, किया न कोई जुगाड़,

इस्तीफ़ा देकर बतलाया “अटल” सदा अनमोल।।

जन्मदिवस पर नमन आपको करता भारत देश।

दुनिया में भी धाक जमाई, राष्टभक्त, कवि वेश।।

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सतीश मिश्र “अचूक”

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