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कल भारत मे नहीं दिखेगा चंद्रग्रहण, पंडित अनिल शास्त्री ने किया शंका का समाधान

👉🏽🌚🌙🌖🌑🌒🌔🌓🌗🌚👈🏽 धर्म-कर्म
*जरूर पढ़ें 5 जून शुक्रवार के दिन चन्द्र ग्रहण सम्बंधित भ्रामक शंका निवारण हेतु यह पोसट
जैसा कि आज कल ग्रहण आदि को लेकर लोग मीडिया एवं कुछ कैलेंडर आदि के माध्यम से आधे अधूरे भ्रमपूर्ण ज्ञान के कारण ससङ्कित रहते है ऐसे में यह पोस्ट शायद आपके संशय को दूर करने में मदद करें….👇👇
*वस्तुतः 5 जून को रात्रि 11:16 से 02:34 तक माद्य (उपच्छायी) अर्थात आकाश में लगभग 3 घण्टे 18 मिनट चन्द्रमा धुंधला होता दिखाई देगा जो की ग्रहण की श्रेणी में नही आता बल्कि यह मात्र एक खगोलीय घटना के रूप में ही मान्य रहेगी। अतः ग्रहण जन्य सूतक आदि अन्य दोष प्रभावी नही होंगे।*
यह खगोलीय घटना सामान्य रूप से लगने वाले चंद्रग्रहण से बिलकुल ही अलग है। इस दौरान आप चन्द्रमा को देखते हुए खा-पी भी सकते हैं। ग्रहण के दौरान कोई धर्मसंगत पाबंदी नही रहेगी।

👉🏽👉🏽आइए जानें 5 जून को लगने वाले ग्रहण की खास बाते–

*वस्तुतः ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 5 जून को उपछाया चंद्रग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण मध्य रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से आरंभ हो जाएगा और रात 2 बजकर 34 मिनट पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा। इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा कहीं से कटेगा नहीं यानी चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं दिखेगा। चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में आसमान में गोचर करते आएंगे। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगे।*

👉🏽🌙चंद्रग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण का अंतर जानें🌙👈🏽

*चंद्रग्रहण के होने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती है जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं अंग्रेजी में इसको (Penumbra) कहा जाता है। इसके बाद वह पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करती है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है। लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है। जब यह स्थिति होती है तो उसे चंद्रग्रहण की बजाय उपछाया चंद्रग्रहण कहा जाता है। जब यह स्थिति होती है तब चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं होता है। ऐसे में चंद्रमा की आभा थोड़ी मलीन हो जाती है। इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्रग्रहण।*

👉🏽🌚उपछाया चंद्र ग्रहण में क्या करें क्या नहीं🌚👈🏽

*👉🏽उपछाया चंद्र ग्रहण को शास्‍त्रों में वास्‍तव‍िक चंद्र ग्रहण से अलग माना जाता है। यही वजह है क‍ि इस ग्रहण के न‍ियम भी अलग होते हैं। इस ग्रहण में न तो सूतक माना जाता है और न ही पूजा-पाठ की कोई मनाही है। इसके अलावा उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान जागने की भी पांबदी नहीं है। इस चंद्र ग्रहण को न देखने जैसा भी न‍ियम नहीं है। इस ग्रहण के दौरान आप भोजन भी कर सकते हैं और सामान्य रूप से दिनचर्या रख सकते हैं। ग्रहण के लिए दान करने का नियम भी इस पर लागू नहीं होता है।*
👉🏽👉🏽किन्तु गर्भवती महिला इस दौरान सिलाई बुनाई व किसी भी प्रकार काटने-छिलने का कार्य व चाकू,सुई जैसे नुकीले धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल न करें।।

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