सुआबोझ कांड में जानिए क्या है अंदर की बात, किन दरोगा व सिपाहियों पर महीना लेकर कच्ची शराब बिकवाने का लग रहा आरोप
पूरनपुर। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुुुआबोझ में कच्ची शरााब पकड़ने गए पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करनेे का आरोप लगा। बदले में भारी पुलिस फोर्स नेेेे गांव में कई घरों में तोड़फोड़़ की। ग्रामीणों व महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा मारपीट की गई। इस मामले में हकीकत क्या है? कौन दरोगा व सिपाही महीना लेकर शराब का धंधा करवाते हैं? सुनिए इस मामले में पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी बनाई गई देवकी की जुबानी-
एसपी सख्त, अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी जांच
देवकी ने 1 दिन पूर्व पीलीभीत जाकर अपनी फरियाद पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश को सुनाने का प्रयास किया परंतु उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। महिला द्वारा जो एसपी ऑफिस में प्रार्थना पत्र दिया गया है उस मामले में पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंपी है। अपर पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद ही पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई संभावित है।
बिना वर्दी गांव क्या करने गए थे सिपाही?
इस प्रकरण में सबसे पहला सवाल यही है कि पुलिस के सिपाही सादा वर्दी में बिना थाने में सूचना दिए किसके आदेश पर गांव गए थे। बिना वर्दी रात में जाने से उगाही का अंदेशा और ज्यादा गहरा नजर आता है। हालांकि कोतवाली पुलिस ने सिपाहियों का ही साथ दिया और आक्रामक कार्रवाई करते हुए गांव में धावा बोलकर निर्दोषों पर लाठियां बरसाईं और तोड़फोड़ की।
पुलिस अफसरों के सामने भी निर्दोषों को पीटने का आरोप, शिकायत
आरोप है कि अगले दिन जब विधायक बाबूराम पासवान के कहने पर सीओ व कोतवाल गांव गए तब भी ग्रामीणों की बात ना सुनते हुए निर्दोषों से मारपीट की गई। जिसमें कई निर्दोष महिलाओं पर भी लाठियां भांजी गई, जो अभी भी गांव में पड़ी कराह रही हैं । आज विधायक बाबूराम पासवान में इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश से फोन पर करते हुए करवाई करने को कहा। इससे हड़कंप मचा हुआ है।
कोतवाल एसके सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा उगाही करके शराब बिकवाने की कोई शिकायत उन तक नहीं आई है। अगर पुलिस उगाही कर रही होती तो छापा क्यों पड़ता। उनके अनुसार पुलिस ने किसी से मारपीट नही की गई। अगले दिन भी जब वे गए तो 100 लीटर लहन एक घर मे मिला था जिसे नष्ट कराया गया है।