सामाजिक वानिकी से ठेका लेकर टाइगर रिजर्व में काटी जा रही औषधि, पकड़े गए 5 लोगों को सांठगांठ कर छोड़ा

घुंघचाई। ठेके पर सामाजिक वानिकी के अंतर्गत दिए गए ठेके के काम पर गिलोय को काटने का काम दिया गया था लेकिन टाइगर रिजर्व चयनित वन क्षेत्र में लुकाछिपी करते हुए अवैध तरीके से काटा जा रहा था। सूचना पर वन विभाग की टीम ने पकड़ा जरूर लेकिन सांठगांठ के बाद बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में गिरफ्त में लिए गए लोगों को छोड़ दिया गया। जिस पर लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं। जनपद के अंतर्गत अधिकांश वन क्षेत्र टाइगर रिजर्व में है और इन को संरक्षण देने के लिए पूरी तरीके से विभाग की जिम्मेदारी है लेकिन वन्य संपदा को बचाने के लिए जिम्मेदार कारगर नहीं हैं। इसकी बानगी भी सामने आई। मामला शुक्रवार का था जब सामाजिक वानिकी की ओर से दिए गए ठेके में ठेकेदार द्वारा जंगल से बाहर गिलोय कटान की बात कही गई थी लेकिन इस सामाजिक वानिकी की परमिशन के नीचे टाइगर रिजर्व में भी चोरी छुपे गिलोय का कटान जंगल के अंदर नदी के किनारे किया जा रहा था। वन विभाग की टीम को सूचना मिली और 5 लोगों को पकड़ा गया लेकिन वन चौकी तक लाने के बाद इस मामले में टाइगर रिजर्व के बड़े अधिकारी भी घटनाक्रम को दबाने के लिए आगे आ गए और दियूरिया

वन क्षेत्र के रेंजर घटनाक्रम को दबाने के लिए पकड़े गए लोगों को सांठगांठ कराते हुए देखे गए। जैसा कि ग्रामीण बता रहे हैं वन चौकी तक गिरफ्त में ली गई गाड़ी लाई जरूर गई थी लेकिन देर शाम तक इस मामले को दबाने के लिए विभाग के आला अधिकारी एक और जहां सक्रिय थे वही अवैध तरीके से पकड़ी गई औषधि को अपना बता कर लोगों ने बड़ा खेल किया। इस मामले में जब सामाजिक वानिकी के रेंजर याकूब जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि समाजिक वानिकी विभाग द्वारा ठेके जरूर दिए जाते हैं लेकिन टाइगर रिजर्व के नहीं अगर गलत तरीके से टाइगर रिजर्व में यह कटान किया गया है तो गलत है।

इस मामले में माला रेंज के रेंजर ने बताया कि वे छुट्टी पर है और अगर इस तरीके के घटनाक्रम हुआ हैं तो गलत है। जांच कर कार्रवाई कराएंगे। इधर फॉरेस्ट गार्ड सिया राम मौके पर मीडिया कर्मियों को कोई भी कागजात नहीं दिखा पाए। मात्र धर्म कांटे के कागज थे जिसको लेकर के ग्रामीण स्थानीय वन विभाग की टीम पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।

कोरोना ने बढ़ाई गिलोय की डिमांड

आयुर्वेदिक औषधि के रूप में गिलोय काफी महत्वपूर्ण है और इसको पाने के लिए बीते कई दिनों से यह कवायद चल रही है। कोरोना ने गिलोय की मांग काफी बढ़ा दी है। क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में लोगों को इसको एकत्र करने के लिए कहा गया है और प्रलोभन देकर के किस औषधि गुण को प्राप्त करने के लिए एक और जहां ठेकेदार लालायित है मोटी कमाई करने के लिए वहीं पर इस समय लॉकडाउन के कारण लोग गिलोय को बड़े पैमाने पर खेत खलियान से काटकर ओने पौने दामों में इन माफियाओं को बिक्री कर रहे हैं। जिससे यह अवैध रूप से काम करने वाले लोग अपना तो धंधा जमकर चला रहे हैं लेकिन लोगों से अनजाने में अवैध धंधा करवाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। सामाजिक वानिकी से जरूर ठेका मिला है लेकिन टाइगर रिजर्व में भी बड़े पैमाने पर यह कार्य विभाग की मिलीभगत से किया जा रहा है।

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।

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