सिंचाई विभाग में अभियंताओं का टोटा, प्रभावित हो रहा जरूरी काम

 

पीलीभीत। सिंचाई विभाग जनपद में फैली 100 से अधिक नहरों जिनकी लंबाई 1000 किलोमीटर से अधिक है की सिल्ट सफाई करा रहा है ताकि किसानों को सिंचाई के लिए बिना किसी अवरोध के पानी मिल सके परंतु इस कार्य में स्टाफ का अभाव बाधा बना हुआ है। इस समय विभाग के पास जूनियर इंजीनियर के स्वीकृत 18 पदों में से सिर्फ 3 जेई ही तैनात हैं। विभागीय अधिकारियों ने 15 जेई की मांग शासन से की थी जिसमें से सिर्फ चार नए जेई की पोस्टिंग की गई है परंतु उन्होंने अभी तक पीलीभीत पहुंचकर ज्वाइन नहीं किया है। इसके चलते समस्याएं बढ़ी हैं।
सिंचाई विभाग के विभिन्न खंडों में 100 से अधिक नहरें विभिन्न तहसील क्षेत्रों में फैली हुई हैं। इनकी लंबाई 1002 किलोमीटर है। इन माइनरों व अलपिकाओं में से करीब 600 किलोमीटर में सिल्ट सफाई होनी है। इसका कार्य विधिवत शुरू किया गया है और कई माइनरों पर काम शुरू भी हो गया है। इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा स्टाफ की कमी बनी हुई है। सिल्ट सफाई का निरीक्षण करने के लिए जूनियर इंजीनियरों की आवश्यकता है जो विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर निरंतर निरीक्षण कर सकें। विभाग के पास जेई के 18 पद स्वीकृत हैं परंतु केवल 3 जेई पोस्टेड हैं। 15 नए जी की डिमांड शासन से की गई तो सिर्फ चार नए जेई की तैनाती जिले में की गई परंतु उन्होंने भी अभी तक पीलीभीत पहुंचकर ज्वाइन नहीं किया है। इसके चलते सिल्ट सफाई का निरीक्षण प्रभावित हो रहा है और कार्य की गुणवत्ता सही हो सकेगी इस पर भी संशय नजर आ रहा है।

अधिकारियों की विभिन्न जांच व धान खरीद में लगी ड्यूटी

सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अपनी नहरें देखनी हैं ताकि समय से सिल्ट सफाई होकर गेहूं की सिंचाई के लिए पानी दिया जा सके परंतु जिला प्रशासन ने एक्सईएन व अन्य अभियंताओं की ड्यूटी स्कूलों की जांच, धान क्रय केंद्रों पर खरीद व सेंटरों का निरीक्षण आदि पर लगा रखी है। इसके चलते विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। विभाग के अधिकारी इस मामले में भले ही कुछ न कह पाएं लेकिन भविष्य में काम प्रभावित होने से किसानों को असुविधा हो सकती है।

डीएम के खौफ से ठेका लेने नहीं पहुंच रहे ठेकेदार

सिल्ट सफाई के लिए विधिवत नीलामी प्रक्रिया होती है। पिछले सालों में सिल्ट सफाई के नाम पर खानापूरी कर के ठेकेदार अधिकांश धन डकार जाते थे परंतु इस बार जिलाधिकारी पुलकित खरे की सख्ती से ऐसा संभव नहीं हो पायेगा। शायद इसी कारण ठेकेदार निविदा में भाग लेने नहीं पहुंच रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो 32 ठेके अभी तक नहीं हो सके हैं। बुलाने पर भी ठेकेदार सिल्ट सफाई के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते काम प्रभावित हो रहा है। माना जा रहा है कि जिलाधिकारी की धान खरीद व अन्य कार्यों में की गई सख्ती का ही परिणाम है कि सिल्ट सफाई जैसे मलाईदार कार्य की निविदा में भी ठेकेदार नहीं पहुंच रहे हैं। इससे सिल्ट सफाई का कार्य प्रभावित हो सकता है।

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