बलिदान दिवस पर याद किये गए चंद्रशेखए आजाद

लखनऊ। देश के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का आज बलिदान दिवस है। 27 फरवरी 1931 के दिन इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से मुठभेड़ के दौरान आजाद अपना बलिदान कर शहीद हो गए थे।
भारतीय क्रन्तिकारी, काकोरी ट्रेन डकैती (1926), वाइसराय की ट्रैन को उड़ाने का प्रयास (1926), लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सॉन्डर्स पर गोलीबारी की (1928), भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के साथ मिलकर हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्रसभा का गठन किया। चंद्रशेखर आज़ाद एक महान भारतीय क्रन्तिकारी थे। उनकी उग्र देशभक्ति और साहस ने उनकी पीढ़ी के लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में भागलेने के लिए प्रेरित किया। चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह के सलाहकार, और एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और भगत सिंह के साथ उन्हें भारत के सबसे महान क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है।
उनके बलिदान दिवस पर आज सुल्तानपुर में आजाद सेवा स्मारक समिति के द्वारा सुबह प्रभात फेरी निकाली गई जिसके बाद आजाद जतिन पार्क में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बुद्धिजीवियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जिला अस्पताल में 50 युवकों ने रक्तदान कर जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प लिया।
वयोवृद्ध समाजसेवी करतार केशव यादव ने कहा कि आजादी की जंग में सर कटाने के लिए युवकों की फौज खड़ी रहती थी, हमें उनके बलिदान को किसी भी हाल में नहीं भूलना चाहिए, वही आजाद सेवा स्मारक समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारी जाति धर्म से ऊपर उठकर सिर्फ देश के लिए स्वयं को बलिदान कर दिया, उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि आज चंद राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए देश में भाईचारे व अमन शांति को बर्बाद करने में तुले हुए हैं।

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000
preload imagepreload image