फाइल डीएम कार्यालय में और स्वास्थ्य विभाग में हो गई भर्तियां, उठ रहे तमाम सवाल
आउटसोर्सिंग भर्ती के नाम पर हो गया खेल
हजारों आवेदकों के भविष्य से बड़ा खिलवाड़
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक बार फिर कठघरे में
पीलीभीत। जहां प्रदेश सरकार भर्तियों को लेकर विपक्ष के निशाने पर है, वहीं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पर इसका कहीं कोई असर नहीं है। यहाँ कोविड-19 की आड़ में स्वास्थ्य विभाग के आला-अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया है। हाल में सम्पन्न हुए साक्षात्कार की फाइल जहां डीएम कार्यालय में है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से कई लोगों की अलग-अलग पदों पर भर्तियां कर दी है। अब सवाल यह उठता है, जब आउटसोर्सिंग माध्यम से ही भर्ती करनी थी, तो साक्षात्कार प्रक्रिया क्यों कराई गई। हजारों आवेदकों के भविष्य से क्यों खिलवाड किया गया। सीएमओ डा सीमा अग्रवाल भी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है। इसको लेकर एनएचएम के पटल बाबू समेत कई अधिकारी भी कठघरे में आ गए हैं।
इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रदेश में संविदा भर्ती को लेकर पर तमाम प्रतिक्रियाएं सुर्खियों में हैं वहीं भर्तियों को लेकर स्वास्थ्य महकमा पहले से ही चर्चाओं में रहा है और आखिर कार वही हुआ जिसकी संभावना थी फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डीएम के कड़े रुख को देखकर स्वास्थ्य विभाग ने नया खेल कर दिया है ध्यान रहे कोविड-19 मरीजों की रोकथाम को लेकर प्रदेश के अधिकांश जनपदों में संविदा पदों पर भर्ती की जानी थी, इसी क्रम में कोविड-19 चिकित्सालयों के भर्ती के लिये स्वास्थ्य विभाग ने एम.बी.बी.एस., निश्चेतक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, स्टाॅफ नर्स, लैब टैैक्नीशियन, वार्ड ब्याॅय, वार्ड आया, स्वच्छक के पदों पर शैक्षिक योग्यता, मानदेय, के आधार पर वाॅक इन इंटरव्यू के माध्यम से समाचार पत्रों में विज्ञप्ति तो प्रकाशित कर दी है, लेकिन पदों की संख्या नहीं खोली गयी, जिससे आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठ गये। विगत सात से आठ सितम्बर को सभी पदों के लिये साक्षात्कार की प्रक्रिया अपनायी गयी। साक्षात्कार प्रक्रिया में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, मुख्य विकास अधिकारी, कोषाधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में साक्षात्कार प्रक्रिया को सम्पन्न करा दिया गया। करीब एक हजार के आवेदकों वाली साक्षात्कार प्रक्रिया की फाइल स्वास्थ्य विभाग से फाइनल होकर डीएम कार्यालय को पहुंचा दी गयी, जिसकी पुष्टि स्वयं सीएमओ डा सीमा अग्रवाल ने की थी। इधर डीएम के तेवरों को देखकर मठाधीश बाबुओं ने भर्ती में एक बार फिर बड़ा खेल कर अपने हौंसले बुंलद कर लिए हैं। मण्डल में एक फर्म के माध्यम से आउटसोर्सिंग के नाम पर कई लोगों की भर्तियां कर दी गई है, कोविड-19 के नाम पर इन भर्तियों का हवाला स्वास्थ्य अधिकारी दे रहे हैं। सबसे मजे की बात यह है कि अगर भर्ती विभाग को कोविड-19 में ही करनी थी, तो एक तरफ साक्षात्कार प्रक्रिया को क्यों अपनाया गया और दूसरी तरफ एजेन्सी के माध्यम से भर्ती क्यों कर दी गयी, जब उनकी ड्यूटी कोविड-19 अस्पतालों में ही की जानी है। इसका इशारा एक तरफ यह भी कह रहा है, कि इसी खेल को लेकर विज्ञप्ति में पदों की संख्या को नहीं खोला गया, और स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर भर्तियों को लेकर बड़ा खेल कर दिया। स्वीपर और वार्ड व्याय के लिए युवक बाकायदा ज्वाइन लेटर लेकर पहुंच रहे हैं। जिसको लेकर एक बार फिर से सेहत महकमा सुर्खियों में है।
हां कुछ भर्तियां आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से हुई हैं लेकिन सिर्फ तीन माह के लिए। बहुत कर्मचारी चाहिए हैं सारी सीएचसी, पीएचसी खाली पड़ी हैं जिनकी आवश्यकता थी उनकी नियुक्ति अभी नहीं हो सकी है।
डा. सीमा अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीलीभीत
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