धान की कटाई में 500 से 800 प्रति एकड़ तक बढोत्तरी करेगा एसएमएस सिस्टम, धान भी होगा बर्बाद, भाकियू ने शुरू किया विरोध
पीलीभीत। किसानों के सामने एक नई समस्या धान की फसल की कटाई में होने जा रही है। धान की कटाई में इस बार 500 से लेकर 800 रुपया प्रति एकड़ तक की बढ़ोतरी होने जा रही है। दरअसल या बढ़ोतरी कंबाइन मशीनों में एसएमएस सिस्टम लगाने के बाद होने जा रही है। किसान और कृषक हितैषी संगठन इसकी अनिवार्यता पर सवाल उठा रहे हैं।
सरकार द्वारा धान के समर्थन मूल्य पर बढ़ोतरी तो नाम मात्र की की गई है परंतु किसानों की जेब काटने की पूरी तैयारी कंपाइन मशीनों में एसएमएस सिस्टम लगाने के जरिए की जा रही है। यह सिस्टम लगने से धान की फसल की कटाई 500 से रुपया 800 प्रति कुंतल तक बढ़ने जा रही है। कंपाइन स्वामी मशीन पर अतिरिक्त भार व इस पर लगाने के मोटे खर्चे को लेकर यह बढ़ोतरी करेंगे।
किसान और भाकियू इस सिस्टम से संतुष्ट नहीं
किसान व किसान यूनियन इस सिस्टम से संतुष्ट नहीं है। किसान यूनियन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया कि एस एम एस सिस्टम में धान का दाना मशीन के ओवरलोड होने से खेत भर में बिखर जाता है और करीब दो से तीन कुंटल धान खराब होने की आशंका रहती है।
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इसके अलावा जो 500 से 800 रुपये तक की कटाई में बढ़ोतरी होने जा रही है उसको मिलाकर किसान को कम से कम दो 3 से 4 हजार प्रति एकड़ में नुकसान होना तय है। उन्होंने इस सिस्टम को लगाने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग करते हुए कई ज्ञापन भी अधिकारियों को सौपे हैं ।
आधी हो जाएगी किसान की आय
उनका मानना है कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात सरकार करती है परंतु इस सिस्टम से किसानों की आमदनी आधी हो जाएगी। कहा कि धान की पराली को लोग मवेशियों को खिला देते थे परंतु इस के टुकड़े-टुकड़े हो जाने व खेत भर में बिखर जाने से पशुओं के चारे की समस्या भी उत्पन्न होगी परंतु सरकार बेवजह किसानों को परेशान करने पर तुली हुई है। इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
बिना सिस्टम लगाए मशीन होगी सीज
शासन के आदेश के अनुसार जिन मशीनों में एसएमएस सिस्टम नहीं लगा होगा उन्हें धान कटाई की अनुमति नहीं दी जाएगी। धान काटने के अलावा सड़क पर मशीन दूसरी जगह ले जाने के दौरान भी इस सिस्टम की चेकिंग होगी और सिस्टम ना लगा होने पर मशीन को सील कर दिया जाएगा। सिस्टम लगवाने पर एक लाख से अधिक का खर्चा आ रहा है। साथ में कटाई महंगी होने से भी धंधा प्रभावित होने की बात से भी कंबाइन संचालक परेशान है परंतु मजबूरन शासन के आदेश पर उन्हें यह सिस्टम लगवाना पड़ रहा है।
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