रामकथा : राम-केवट संवाद सुनकर भावविभोर हुए श्रोता

बिलसंडा। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम वन जाने के लिए शृंग्वेरपुर गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं। लेकिन केवट मना कर देता है। “मांगी नाव न केवट आना, कहइ तुम्हार मरम मैं जाना”। घनश्यामपुर में चल रही श्रीराम कथा में पंडित पंकज मिश्र ने यह प्रसंग सुनाया तो सब भावविभोर हो गए।

पं• पंकज मिश्र ने कहा कि भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए तो पिता की आज्ञा से वन के लिए चले। शृंग्वेरपुर घाट पर गंगा पार जाने को केवट से नाव मांगी। केवट बगैर भगवान का पैर धुले नाव पर बिठाने को तैयार नहीं होता।

रिपोर्ट-रजत मिश्रा

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