ग्रामीण अंचलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ गौरा गौरी का विवाह

घुंघचाई। शारदीय नवरात्र मैं मां भगवती की पूजा अर्चना बढ़-चढ़कर की जा रही है और इस दौरान अष्टमी पर हवन होने के बाद ग्रामीण अंचलों में शिव पार्वती के विवाह का आयोजन सांस्कृतिक रूप से किया जाता है जिसमें महिलाएं मंगल गीत गाकर शादी कार्यक्रमों की तैयारियों में अपना विशेष

योगदान देती है। नवरात्र मां भगवती को मनाने के लिए महिला और पुरुषों द्वारा व्रत से जाते हैं जिसको लेकर के बड़े पैमाने पर कई दिन पहले से ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं शरद कालीन अवसर पर नवरात्र का विशेष महत्व माना जाता है और इस कार्यक्रम के संपन्न होने के साथ ही कई सनातन धर्म मे आयोजन किए जाते हैं

भगवती को मनाने के लिए लोग व्रत रख रहे हैं इस दौरान ग्रामीणों में पुरानी सभ्यताओं को जीवंत रखते हुए शिव और पार्वती की मूर्तियां बनाकर उनकी उनकी पूजा-अर्चना की जाती है और देवी पूजा के हवन के साथ ही कई जगह वैवाहिक कार्यक्रम शिव पार्वती के करवाए गए जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं मंगल गीत गाकर के नए त्योहारी सीजन का आगाज करती देखी गई और यह शुभ समय लोगों को भी खूब रास आया।

दीपावली से पहले या सब कार्यक्रम हो रहा है वही इस मामले में पुरोहित राम प्रताप

मिश्र ने बताया कि यह सब कार्यक्रम के ग्राम देवता की पूजा के बाद कराना अच्छा और ठीक होता है लोगों में देवी के हवन होने को लेकर के उत्साह था और लोग महामाई के

जयकारे लगाकर के वातावरण को भक्तिमय कर रहे थे। रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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