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धान खरीद : भीड़ में फंसे छोटे किसान, नहीं मिल पा रहा लाभ

घुंघचाई। शासन द्वारा काश्तकारों को फसल का समर्थन मूल्य मिले इसको लेकर के कड़े फरमान दिए गए हैं वहीं लघु और सीमांत काश्तकारों की धान की फसल खरीद करने के लिए दिन निर्धारित किए गए लेकिन इस पर अमल आज तक नहीं हुआ जिससे सीमांत किसान कई रोज से अपनी धान की फसल की रखवाली क्रय केंद्रों पर कर रहे हैं इस दौरान पहले से ही निर्धारित किए गए मोटी और महीन धान की खरीद क्रय केंद्रों पर की जाएगी लेकिन उसमें भी क्रय केंद्र प्रभारियों द्वारा मिल मालिक अपनी हठधर्मिता अपनाते हुए व्यवस्था को एक और रखकर किसानों का दोहन कर रहे हैं जिससे कई दिनों से किसान अपनी धान की डेरिया लगा कर के रखवाली कर रहे हैं प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं काश्तकार इस मामले में पीस रहा है लोगों ने न्याय दिलाने की मांग की है। देश की खुशहाली के लिए किसान कमरतोड़ मेहनत कर लोगों की जीविका उपार्जन के लिए फसल पैदा करता है लेकिन उसकी मेहनत की कमाई दूसरे लगा करके उसका दोहन कर रहे हैं शासन द्वारा इस बार समर्थन मूल्य बेहतर घोषित किया गया है लेकिन किसानों को मिल जाए तो बेहतर है लेकिन राइस मिल मालिकों ने इस बार सीधे धान खरीद करने से हाथ खड़े कर लिए और औने पौने दामों में किसानों को ठोकर मार कर धान खरीद रहे हैं जिससे बड़ा खर्चा कर धान की फसल पैदा करने वाले काश्तकारों ने इस बार धान क्रय केंद्रों पर अपना बेहिसाब धान बिक्री के लिए डाल रखा है जिसमें सीमांत और लोग किसानों के लिए प्रशासन द्वारा पहले ही मंगलवार और शुक्रवार को समय निर्धारित किया गया था किन काश्तकारों की खरीद की जाएगी लेकिन इन सब पर बड़े फार्मर हावी हो गए और उनका अधिकारों को प्रशासन द्वारा जारी की गई व्यवस्था लागू नहीं हो रही है काश्तकार छत्रपाल सिंह ने बताया कि मैं कई दिनों से क्रय केंद्र पर अपना धान बिक्री करने के लिए लेटा हुआ हूं और उसकी रखवाली कर रहा हूं लेकिन कोई ध्यान देने को तैयार नहीं वही बारदाना घुंघचाई सिमरिया के अलावा कई क्रय केंद्रों पर नहीं होने से धान की खरीद कछुआ गति से चल रही है जिससे किसानों को काफी समस्याएं आ रही हैं क्रय केंद्रों पर किसान बीते कई दिनों से अपने धान की रखवाली और उठान व्यवस्था पता करके किसानों को वरना नहीं होना समझाया जा रहा है लेकिन शिकायत कोई सुनने को तैयार नहीं किसानों की बड़ी समस्या इस बात को लेकर के भी है कि इस बार 2626 महीन धान किसानों ने बड़ी तादाद में पैदा किया जिसकी खरीद ली क्रय केंद्रों पर हुई लेकिन उसकी खरीद क्रय केंद्रों पर नहीं की जा रही है जिससे कई किसानों की क्रय केंद्रों पर कॉल हुई और धान बिक्री के लिए कई दिनों से पढ़े हुए हैं मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की गई लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं काश्तकारों ने व्यवस्था सुधारने की मांग की है।

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।

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