एसडीएम, सीएचसी अधीक्षक ने टीम के साथ नगर के अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर मारे छापे
शैलेश अल्ट्रासाउंड पर नहीं मिला डिप्लोमा
-डीएम के किए गए रजिस्ट्रेशन में शैलेश अल्ट्रासाउंड पर मिली दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन
-अल्ट्रासाउंड कराने आए मरीज मैं नहीं थी सोशल डिस्टेंसिंग एसडीएम ने जताई नाराजगी
-नगर के तीन अल्ट्रासाउंड का किया टीम ने निरीक्षण सीएमओ को भेजी रिपोर्ट
– बीएमएस डॉक्टर मरीजों को पर्चे पर लिख रहे हैं अल्ट्रासाउंड सीएचसी अधीक्षक ने जताई नाराजगी
परिचय- नगर के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर निरीक्षण करते एसडीएम राजेंद्र प्रसाद व एमओआईसी प्रेम सिंह
पूरनपुर। जिला चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर उप जिला अधिकारी राजेंद्र प्रसाद व सीएचसी अधीक्षक प्रेम सिंह ने अपनी टीम के साथ नगर के अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर गुरुवार को सुबह ही छापा मारी कार्यवाही की। जिसमें उन्हें शैलेश अल्ट्रासाउंड में बिना सोशल डिस्टेंसिंग के मिले मरीज और अल्ट्रासाउंड सेंटर पर बिना सर्टिफिकेट के किया जा रहा था अल्ट्रासाउंड ,टीम ने जताई आपत्ति । किसी भी अल्ट्रासाउंड पर नहीं मिली नियमावली । गुरूवार को छापे के दौरान टीम पहले नगर के शैलेश अल्ट्रासाउंड पर पहुंची जहां पर एसडीएम ने देखा कि जिस मशीन से मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जा रहा था उस मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं था, इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताई और डीएम कार्यालय से पुनः रजिस्ट्रेशन सही कराने के आदेश दिये। लिंग परीक्षण मशीन द्वारा नहीं किया जाता है यह भी कहीं अंकित नहीं थी, इस दौरान एसडीएम ने रजिस्ट्रर पर अंकित मोबाइल नम्वर पर एक मरीज से दूरभाष पर बात की और पूछा कि किस तरीके का अल्ट्रासाउंड कराने आए थे, ऐसा तो नहीं कि लिंग परीक्षण की जांच की कराने आए थे ,तो मरीज ने स्पष्ट मना कर दिया ऐसा कुछ नहीं था। साथ ही सीएससी अधीक्षक ने जब अल्ट्रासाउंड सेंटर स्वामी राधेश्याम से सर्टिफिकेट मांगा तो बगले झाकने लगे और उनके पास कोई सर्टिफिकेट नहीं निकला एक पुराना एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट दिखाया और उसके बाद बताया कि अपने पुत्र शैलेश का मैंने अप्लाई कर रखा है । जिसकी स्वीकृति जल्दी ही स्वास्थ्य विभाग से मिल जाएगी । इसके बाद टीम ने किरन नर्सिग होम सहित सेठ अल्ट्रासाउंड पर भी निरीक्षण किया। सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि किसी भी अल्ट्रासाउंड सेन्टर पर स्वस्थ्य विभाग की दी गई नियमावली भी मौके पर नहीं पायी गई। और शैलेश
अल्ट्रासांउड पर नगर के बीएमएस डाॅक्टरों के पंर्चे भी पकड़े गये है। जिसमें शकील क्लीनिक, लक्ष्मी क्लीनिक के बीएमएस डाॅक्टरों के पंर्चे पाये गये है। जब कि इन डाॅक्टरों को अल्ट्रासाउंड लिखने का कोई भी अधिकार नही यह सिर्फ सर्जन ही लिख सकता है। उन्होने ये भी बताया कि तीनों अल्ट्रासांउड सेन्टरो की रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय भेज दी गई है। रिपोर्ट-योगेश वर्मा
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