जंगल के बाहर घूम रहे बाघ, दहशत में किसान
घुंघचाई। टाइगर रिजर्व जंगलों में तार फेसिंग ना होने के कारण बाघ आबादी की ओर विचरण करते देखे जा रहे हैं। खेत पर काम करने गए किसान ने जब बाघ के पद चिन्ह देखे तो सूचना पर तमाम ग्रामीण एकत्र हो गए। घटनाक्रम की जानकारी वन विभाग के लोगों को दी गई। जिस पर टीम मौके पर पहुंची और बाघ के ही पद चिन्ह होने की पुष्टि करते हुए ग्रामीणों को सजगता बरतने के लिए लोगों को सुझाव दिया गया । हरदोई ब्रांच नहर की रेत में आए दिन बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। लोग विभाग द्वारा उसको पकड़ने के सार्थक प्रयास न करने के कारण रोष में देखे जा रहे हैं। जनपद के जंगल टाइगर रिजर्व में है। उनकी मुकम्मल व्यवस्था अभी तक विभाग के आला अधिकारियों द्वारा नहीं की गई। तार लगाने जैसे कार्य आज तक विभाग के आला अधिकारी पूरे नहीं करवा पाए। जिसके कारण जंगली जंतु जंगलों से बाहर आ ही रहे हैं और हिंसक पशु भी आकर के आबादी क्षेत्र में विचरण करते देखे गए। शनिवार को जगतपुर जमुनिया गांव निवासी दिलबाग सिंह अपने खेतों की देखरेख करने के लिए गए थे लेकिन हरदोई ब्रांच नहर से निकले सीपेज नाले के पास बाघ के बड़ी तादाद में पद चिन्ह देखे तो मामले की सूचना किसान द्वारा गांव के लोगों को दी गई इस पर कई लोग मौके पर जा पहुंचे बाघ लंबी दूरी तय कर आता देखा गया जिस के पद चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे एक गन्ने के पास में पद चिन्ह खत्म हो गए घटनाक्रम की जानकारी ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के लोगों को दी गई जिस पर माला रेंज के वन दरोगा विशाल कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे जिन्होंने बताया कि पद चिन्हों के अनुसार बाघ के ही पदचिन्ह ग्रामीणों को सजगता बरतनी चाहिए इस समय नहर भी पानी के भाव में सुखी है और बाघ माला रेंज के जंगल से बाहर आकर के किसी पशु के पीछे आ गया होगा हालांकि यह मामला नया नहीं है इससे पहले भी बाघ की चहलकदमी आबादी क्षेत्र में देखी गई जिसको लेकर के ग्रामीण भयभीत हैं मामले की सूचना सामाजिक वानिकी के कर्मचारियों को फोन द्वारा देने के प्रयास किए गए लेकिन संपर्क नहीं हो पाया जिस पर माला रेंज के वन दरोगा को घटनाक्रम के बाबत बताया गया। जिन्होंने मौके पर पहुंचकर बाग के पद चिन्हों की मॉनिटरिंग की और बाग एक गन्ने के खेत की ओर रुख कर चुका था लेकिन ग्रामीण उन पद चिन्हों पर गन्ना होने के कारण आगे नहीं बढ़े। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग की टीम के अधिकारी कर्मचारी यहां पर बाघ की मानिटरिंग के लिए आएं और आबादी क्षेत्र में विचरण करने वाले बाग की लोकेशन ले। इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों ने पद चिन्हों को ट्रेस करते हुए उसके जाने की स्थिति को समझा और वन दरोगा विशाल कुमार ने ग्रामीणों को बताया कि आप लोगों के माध्यम से सजगता के प्रयास स्वाभाविक रूप से किए जाएं। अगर कोई ऐसी घटना हो रही है तो जानकारी दी जाए। काश्तकार गन्ना छिलाई के दौरान मजदूरों के गन्ना खेत में पहुंचने पर शोर-शराबा करने के बाद ही काम शुरू करें जिससे कोई जनहानि ना हो पाए। ग्रामीण अंचल में बाघ की चहलकदमी से लोगों में भय देखा जा रहा है।
गोपालपुर गांव में भी बाघ कि चहलकदमी देखी गई
किसान जब खेतों पर पहुंचे तो बाघ के पदचिन्ह देख कर ग्रामीण भयभीत हो गए।लेकिन इस घटनाक्रम से किसानों में आक्रोश देखा गया और गांव के ही पास एक गन्ने के खेत में कुत्तों के शवों के अवशेष देखे गए। जहां पर बाघ के पद चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे। लोगों का मानना है कि बाघ के पीछे गांव के आवारा कुत्ते लग गए होंगे। गांव निवासी बलविंदर सिंह ने बताया कि अपने खेत पर गए थे जहां पर पड़ोस के खेत में हमने खुद कुत्तों के शवों के अवशेष देखे हैं और पास में ही बाघ के पदचिन्ह स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहे हैं।
रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी।
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