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कसगंजा पहुंचे नीलगाय को कुत्तों ने नोचा, सामाजिक वानिकी के अधिकारियों ने कराया उपचार

घुंघचाई। नील गाय के बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। ग्रामीणों की सजगता से उसे बचा लिया गया। घटनाक्रम की सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस ने मामले की सूचना वन विभाग के लोगों को दी जिस पर घायल नीलगाय को उपचार के लिए ले जाया गया। मामला अलबेला और अनोखा नहीं है क्योंकि वन विभाग के द्वारा जनपद के अधिकांश जंगल टाइगर रिजर्व में ले लिए गए हैं लेकिन जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए अभी पूरी तरीके से कब आए पूरी नहीं की गई। जंगल के किनारे तार फेर्शिग जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर क्रियान्वयन नहीं हुआ जिसके चलते जीव जंतु बाहर आकर के किसानों का नुकसान कर रहे हैं और हिंसक प्रवृत्ति के पशु लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। नीलगाय का झुंड क्षेत्र के कबीरपुर कासगंज गांव के आसपास देखा गया था। जिस से बिछड़ कर नीलगाय का बच्चा समूह से अलग हो गया और इस दौरान गांव के आवारा कुत्ते उसके पीछे लग गए और बुरी तरीके से उस पर हमलावर हो गए और गंभीर रूप से बच्चे को घायल कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों की नजर पड़ी तो लोग दौड़ पड़े और बमुश्किल बच्चे को कुत्तों से बचाया जा सका। मामले की सूचना डायल 112 पुलिस को दी गई। बाद में स्थानीय लोगों ने घटनाक्रम के बाबत सामाजिक वानिकी के कर्मचारियों को मामले से अवगत करा कर मौके पर बुलवाया। जिन्होंने घायल हुए नील गाय के बच्चे को उपचार के लिए प्रारंभिक उपचार दिलवाया और उसे अपने साथ सामाजिक वानिकी रेंज में लेकर के उपचार को लेकर पहुंचे। इस दौरान सामाजिक वानिकी के डिप्टी रेंजर याकूब हुसैन ने बताया कि मामले की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई थी। क्योंकि यह जंगली पशु है जिसके संरक्षण की सुरक्षा व्यवस्था का जुम्मा हम लोगों के पास है जिसका उपचार करवाया जा रहा है।

रिपोर्ट-लोकेश त्रिवेदी

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