♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

शीघ्र आ रहा है सुप्रसिद्ध गीतकार संजीव मिश्र का गीतसंग्रह “राजदुलारी”

पीलीभीत। शहर के मशहूर गीतकार पंडित संजीव मिश्र ‘शशि’ का गीत संग्रह राजदुलारी प्रकाशित हो गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना आपदा में बीते वर्ष में अपने बहुप्रतीक्षित लक्ष्य को प्राप्त किया है। ‘रजदुलारी’ गीत संग्रह प्रकाशित हो गया । इस उपलब्धि में वे सबके आशीर्वाद का बहुमूल्य योगदान बताते हैं। जीवन यात्रा के इस पड़ाव पर उन्होंने सब के आशीर्वाद की आवश्यकता जताई है। वे लिखते हैं कि-

” छोटी सी जीवन यात्रा में,

क्या पाना क्या खोना बाकी ।
क्या जानूं क्या होना बाकी ।।

एक पूर्ण होती अभिलाषा,
दूजी मन में जगने लगती ।
अजब निराली दुनिया दारी,
भोले मन को ठगने लगती ।

अपने इन व्याकुल नयनों में,

कितने स्वप्न संजोना बाकी ।
क्या जानूं क्या होना बाकी ।।

सुख दुख तो हैं आने जाने,
जैसे पानी के हों रेले ।
हम माटी के बने खिलौने,
ऊपर वाला हमसे खेले ।

फिर कैसे बतलायें बोलो ,

कितना हंसना रोना बाकी ।
क्या जानूं क्या होना बाकी ।।

मां के आंचल को खो बैठा,
प्रिय का साथ रहेगा कब तक ।
गीत प्रीत के गाता जाऊं,
प्राण रहें अंतर जब तक ।

अब तो अपनी खातिर केवल,

धरती एक बिछौना बाकी ।
क्या जानूं क्या होना बाकी ।।”

गीत – संजीव ‘शशि’
पीलीभीत
मो. 0875576014

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे


जवाब जरूर दे 

क्या भविष्य में ऑनलाइन वोटिंग बेहतर विकल्प हो?

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Close
Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809666000