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बोली बेटी-मैं अपने पापा का बेटा हूं… मैं दूंगी पापा के शव को मुखाग्नि

बेटी की करुण आवाज सुनकर ठहर गई भीड़

*निकाय कर्मी सुशील सक्सेना को उनकी बेटी ने अर्थी को कांधा भी दिया पिंड भी बदले और मुखाग्नि प्रदान की*

*पीलीभीत* बीसलपुर में पिता की मौत पर बेटी ने मुखाग्नि प्रदान कर बेटा होने का फर्ज निभाया और अंतिम संस्कार की सारी रस्में खुद निभाई।‌ समाज की रूढवादिता सोच से ऊपर उठकर एक बेटी सामने आई, और समाज को एहसास करा दिया कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता। मामला बीसलपुर के निवासी सुशील सक्सेना उर्फ लल्ला का है। सुशील सक्सेना बिलसंडा नगर पंचायत से दो वर्ष पूर्व जलकर सुपरवाइजर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी धर्मपत्नी गीता सक्सेना और एकलौती बेटी पारूल सक्सेना है। पारूल की शादी हो चुकी है और पति हरजिंदर के साथ अपनी ससुराल रामपुर में रहती है। सुशील सक्सेना का एक पुत्र रजत सक्सेना था वो काफी समय पहले गुजर गया। बेटी और दामाद उनके जीवन के सारथी बन चुके थे। पुत्र की मौत के बाद सुशील सक्सेना गमजदा इस कदर हो गए, कि बीमार रहने लगे। कई वर्षों से भंयकर बीमारी का दंश झेल रहे सुशील सक्सेना को जिंदगी देने का हर संभव प्रयास उनकी एकलौती बेटी पारूल सक्सेना करती रही।

ससुराल के बंधन में बंधने के बाद भी उसने ससुराल में बहू तो मायके में बाप के लिए बेटी के साथ साथ बेटे का भी फर्ज निभाना। सुशील सक्सेना बीमारी से अपनी बेटी के सहारे लंबे समय तक जंग लड़ते रहे।…और आखिरकार उनको जिंदगी की जंग रविवार की शाम चार बजे हारनी ही पड़ी फिर उन्होंने अंतिम श्वास ली और परिवार को रोता बिलखता छोड़ गए। सुशील सक्सेना के निधन के बात सवाल उठा..? कि उनके बेटा तो है नहीं आखिर मुखाग्नि कौन देगा -? उनके सगे भाई राजेश सक्सेना भतीजे शुभम सक्सेना, सचिन सक्सेना सहित सभी अपने अहम रिश्ते का अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने को तैयार थे। लेकिन भीड़ को चीर कर एक रोती बिलखती आज सुनाई दी नहीं नहीं मैं अपने पापा का बेटा हूं ….. और मैं ही पापा को मुखाग्नि दूंगी…. लोगों ने निगाह उठाकर देखा तो वो आवाज़ थी एकलौती बेटी पारूल सक्सेना की जो अपने पापा की लाडली बहुत रही। भाई के निधन के बाद बेटा बनकर उनके साए की तरह साथ रही। रूढवादिता की सोच से ऊपर उठकर पारुल ने अपने पिता के अंतिम संस्कार की सारी रस्में अदा की अर्थी को कंधा भी दिया पिंड भी बदले और मुखाग्नि भी प्रदान की।

आपको बता दें पारुल सक्सेना वरिष्ठ पत्रकार मुकेश सक्सेना एडवोकेट की सगी चचेरी भतीजी है। सुशील सक्सेना की मंगलवार को गमगीन माहौल में अंत्येष्टि की गई। पारूल का कहना है कि उनके पापा ने हमेशा हमेशा बेटे जैसा प्यार दिया तो उसने भी बेटी के साथ बेटे का फर्ज निभाया है। वो इस बात पर काफी संतुष्ट दिखी कि उसके ससुराल बालों ने उसके इस निर्णय पर भरपूर साथ दिया। और उसके सास ससुर पति सभी उसके निर्णय के साथ खड़े दिखाई दिए।

रिपोर्ट-मुकेश सक्सेना एडवोकेट

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