नेता-अफसरों से नाउम्मीद ग्रामीण खुद संचालित कर रहे सरकारी अस्पताल, एनआरआई ने दिए 5 लाख

सरकार से मदद की आस छोड़ पीएचसी का संचालन करने लगे ग्रामीण

अप्रवासी भारतीय भी बना मददगार

पीलीभीत । कोरोना काल में शासन और प्रशासन से मदद की आस छोड़ चुके अप्रवासी भारतीय अजय पाल चब्बा ने दरिया दिली दिखाते हुए पांच लाख रुपये दान देकर नदहा गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन खुद अपने हाथों में ले लिया और आज यहां दिन भर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाएं दी जाती हैं जिससे लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। थाना गजरौला क्षेत्र के गाँव नदहा ( सकरिया) में आयुष्मान भारत योजना के

तहत अर्वन सब सेंटर का उच्चीकरण कर इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में अपग्रेड किया गया था लेकिन जिले में चिकित्सकों की कमी के चलते सप्ताह में दो दिन ही चिकित्सक यहां डियूटी के लिए आता था ऐसे में ग्रामीणों को इस पीएचसी का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था कोरोना काल में ग्रामीणों की समस्या और बढ़ गई और उन्हें उपचार के लिए पीलीभीत या बरेली के चक्कर काटने पड़ रहे थे ऐसे में मूल रूप से सकरिया निवासी अमेरिका में रह रहे सिविल इंजीनियर

अजय पाल चब्बा ने ग्रामीणों की इस समस्या को समझा और क्षेत्र के प्रमुख सिख नेता जरनैल सिंह जैली के चिकित्सक पुत्र एमबीबीएस डा सतेंद्र पाल सिंह से संपर्क किया, डा सिंह निशुल्क अपनी सेवाएं देने को तैयार हो गए ऐसे में अब कोरोना काल में अस्पताल संचालित करने की समस्या आ खड़ी हुई तब इन दोनों ने सुल्तानपुर की सांसद पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी के निजी सचिव सरदार नसीब सिंह से संपर्क किया नसीब सिंह के प्रयास से कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड नियमों का पालन करते हुए इसके संचालन की अनुमति दे दी तब अजय पाल चब्बा ने पांच लाख की नगदी डा सतेंद्र को सौंप कर

दवाएं मंगवा ली और दो प्रशिक्षित नर्सो को रखकर इसका संचालन शुरू करा दिया बताया जाता है कि कोरोना काल में सर्दी, जुकाम बुखार के मरीजों को इसका काफी लाभ मिला और अब भी प्रतिदिन 35 से 40 मरीज यहां आकर स्वास्थ्य परीक्षण कराने

के बाद दवाएं ले जा रहे हैं अजय पाल चब्बा और डा सतेंद्र पाल सिंह की योजना अभी एक माह और इसके संचालन की है। (साभार-तारिक कुरैशी, वरिष्ठ पत्रकार)

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