कवि संजीव मिश्र ‘शशि’ से सुनिये आजकल किन शर्तो पर तय हो रहे रिश्ते
रिश्ता ……. शर्तों पर
” फेरों से पहले सुन लीजे, मेरी शर्तें सारी ।
सजना तब ही बनूं तुम्हारी ।।
1-पूरी दुनिया से न्यारा हो,
छोटा सा घर अपना ।
उस घर में केवल मैं तुम हों,
बस इतना सा सपना ।
तुम्हें भूलने होंगे अपने, बाप और महतारी ।
सजना तब ही बनूं तुम्हारी ।।
2-पुष्प नहीं छूना है तुमको,
कितना भी हो सुरभित।
किसी पराई महिला को है,
तुम्हें देखना वर्जित ।
मुझमें ही है तुम्हें देखनी, सारी दुनियादारी ।
सजना तब ही बनूं तुम्हारी ।।
3-नहीं देखने हैं यदि तुमको,
मेरे बिगड़े तेवर ।
तुम्हें दिलाने होंगे मुझको,
त्योहारों पर जेवर ।
पहनूं तो तारीफें मेरी, करना प्यारी प्यारी ।
सजना तब ही बनूं तुम्हारी ।।
साथ साथ सर्विस के करनी,
घर की साफ-सफाई ।
मेरे हाथ थमाना तुमको,
जो भी करो कमाई ।
पांव दबाने की भी तुमको, लेनी जिम्मेदारी ।
सजना तब ही बनूं तुम्हारी ।। “
गीत – संजीव ‘शशि’
पीलीभीत
मो . 08755760194
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