कैसे मनाएं नववर्ष : यहां तो जंगल में झोपडी डालकर रहने को मजबूर बाढ़ पीड़ित

हजारा (पीलीभीत): हजारा थाना क्षेत्र में शारदा नदी से बेघर हुए अशोक नगर के सैकड़ों परिवार बरसों से जंगल में झोपड़ी डालकर रहने को मजबूर हैं। आज तक आवासीय भूमि न मिलने से यहां के लोग जंगल में गुजर बसर कर रहे हैं मगर शासन-प्रशासन ने इनकी कोई शुध नहीं ली है।
जनपद पीलीभीत के तहसील पुरनपुर के गांव अशोकनगर को शारदा नदी ने वर्ष 2007 में भयंकर तबाही मचाते हुए और भूमि कटान करते हुए अपने आगोश में ले लिया था। वर्ष 2007 से अशोक नगर गांव के सैकड़ों पीड़ित परिवार उत्तर लखीमपुर खीरी वन प्रभाग संपूर्णानगर रेंज के हजारा बन वीट के अशोकनगर जंगल में शरण लेकर खानाबदोश सी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। जंगल में सरकारी भूमि होने के कारण यहां के लोग अपने घरों पर शौचालय और आवास भी नहीं बनवा पा रहे हैं जिस कारण इस गांव के महिला पुरुष खुले में शौच जाने को मजबू हैं। इस कारण भारत स्वच्छ मिशन भी पूरा नहीं हो पा रहा है क्योंकि खुले में शौच के कारण वातावरण में गंदगी फैल रही है जिस कारण स्वच्छता अभियान अपूर्ण साबित हो रहा है। साल दर साल बीतते गए मगर इन बाढ़ कटान पीड़ित ग्रामीणों को शासन-प्रशासन अभी तक आवासीय जमीन नहीं दे सका है। इस गांव के सैकड़ों महिला पुरुषों ने शासन प्रशासन के खिलाफ कई बार धरना प्रदर्शन और अनशन भी किया जिस पर पीलीभीत प्रशासन द्वारा आवासीय भूमि देकर सुरक्षित स्थान पर बसाने का आश्वासन दिया गया गया लेकिन आश्वासन केवल आश्वासन ही रह गए।
इन को आवासीय भूमि आज तक नहीं मिल सका है। ग्रामीणों ने आवासीय भूमि देकर सुरक्षित स्थान पर बसाने की मांग किया है। उधर ग्राम प्रधान प्रदीप कुमार ने बताया कि जंगल में निवास कर रहे परिवारों को सुरक्षित आवासीय भूमि दिलाने के लिए जिलाधिकारी, सांसद एवं पूरनपुर के विधायक बाबूराम से भी संपर्क किया गया मगर अभी तक आवासीय भूमि नहीं मिल सकी है।

रिपोर्ट-अजय शर्मा हजारा

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