खुलने लगे हमीरपुर प्रधान के काले चिट्ठे : जांच टीम के सामने आने वालों के जबरन बंद कराये मुंह

पूरनपुर। ब्लाक क्षेत्र की ग्रांम पंचायत हमीरपुर मे सरकारी कामों में घपले की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा भेजी गयी जांच टीम के द्वारा ग्राम पंचायत के कई बिंदुओं पर जांच की है।
ग्राम पंचायत हमीरपुर मे ग्रामीणों द्वारा आवास, शौचालय व अन्य सरकारी कामों मे ग्राम प्रधान ऋषिपाल शुक्ला व रोजगार सेवक आलोक द्वारा मनरेगा के कार्यों मे जमकर गडबढ झाला करने के आरोप लगाए है। वही ग्राम प्रधान के ड्राइवर हरद्वारी लाल ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि प्रधान ने उसके नाम पर सरकारी आवास व शौचालय का पैसा जारी कराया था परनु पूरा पैसा खाते में आते ही प्रधान ने निर्माण कार्य कराने के नाम पर सारा पैसा खाते से निकलबा लिया है और कही पर भी आवास और शौचालय का निर्माण नहीं कराया है। जब वह जांच टीम के सामने अपनी बात कहने जा रहा था। उसी समय रोजगार सेवक व प्रधान के एक नौकर ने रास्ते में ही रोक लिया और बयान ना देने की बात कही। जब वह.नही माना तो रोजगार सेवक व अन्य साथी ने धमकी देकर बापस कर दिया जिससे उसकी बात नही सुनी गयी। उपरोक्त व्यक्ति ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है की उसका सरकारी आवास का पैसा प्रधान से वापस कराया जाये जिससे वह आवास का निर्माण करा सके।

पोल खुलती देख प्रधान ने दिव्यांग को उठवाया

ग्राम हमीरपुर में जिलाधिकारी द्वारा भेजी गयी जांच टीम द्वारा कई बिंदुओं पर जांच की जानी थी। ग्राम पंचायत मे एक दिव्यांग भी प्रधान के खिलाफ बयान देकर प्रधान व रोजगार सेबक के काले चिट्ठे खोलने को जाने ही वाला था जिस पर प्रधान ने उसे  अगवा करवा लिया गया। जिसे कई घंटे गायब रखा गया। जब जांच टीम वापस लौट गयी तब दिव्यांग को छोडा गया।

 

प्रधान ने अपने ही पुत्र को बना दिया मनरेगा का मजदूर, दिया हजारों का भुगतान

ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक तथा पंचायत सचिव की मिलीभगत से प्रधान पुत्र के खाते मे पूरे पांच बर्षों से मनरेगा का पैसा भेजा जाता रहा है। जिससे साफ जाहिर है की प्रधान का पुत्र मनरेगा में काम करने तो जाता नही होगा। रोजगार सेवक द्वारा यह सब फर्जी हाजरी लगाकर सरकारी पैसा हडपा जा है। ऐसा नही है कि प्रधान पुत्र के खाते में यह पैसा भेजा जा रहा है। रोजगार सेबक के चहेते लोग भी मालकाट रहे है जिनकी शिकायत भी ग्रामीणों ने की है।

क्या बोले अफसर

जिलाधिकारी के आदेशानुसार ग्राम पंचायत की जांच हुई है। ग्रामीणों के ब्यान और मौके पर हुए कार्यों की जांच टीम ने की है। रिपोर्ट तैयार होकर एक सप्ताह मे पेश की जायेगी। अगर प्रधान दोषी हैं तो कार्रवाई की जायेगी। जिन लोगों का पैसा प्रधान ने निकालवा कर गबन किया हे वह थाने मे तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज करा सकते है। दिव्यांग को अगवा करने का मामला हमारी जानकारी में नही है। बैसे दिव्यांग को भी यह सूचना पुलिस को देनी चाहिये।

प्रमोद कुमार यादब
डीपीआरओ पीलीभीत।

रिपोर्ट-प्रदीप मिश्र

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