
बसंत पंचमी पर्व पर जनपद भर में हुए हवन पूजन और भंडारे
-बसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर पूरनपुर में हुई काव्य संध्या, कवियों ने उतारी मां की आरती
पीलीभीत/पूरनपुर। बसंत पंचमी पर्व पर ज्ञानदायिनी माता सरस्वती जी का अवतरण दिवस हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। जनपद भर में हवन पूजन व भंडारों का आयोजन करके माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जा रही है। वहीं ऋतुराज़ बसंत के आगमन को लेकर लोगों में खुशियां देखी जा रही है। पूरनपुर में बसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर काव्य संध्या का आयोजन करके मां वाणी की वंदना की गई।
बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। बसंत ऋतु के आगमन के बाद सर्दी कम होती है और मौसम सुहाना हो जाता है। बसंत ऋतु में ना तो सर्दी होती है और ना ही गर्मी। यानी सबसे सुंदर मौसम इसी ऋतु में होता है। आज बसंत पंचमी पर्व से बसंत ऋतु का आगमन होना माना जाता है। आज ही माता सरस्वती जी का अवतरण दिवस मनाया जा रहा है। ज्ञान की देवी की पूजा अर्चना स्कूल-कालेजों, घरों व विभिन्न स्थानों पर विधि विधान से की जा रही है। सुबह से ही लोग स्नान ध्यान व हवन पूजन करके माता सरस्वती की आराधना कर रहे हैं। कई जगह खिचड़ी सहभोज भी आयोजित किए जा रहे हैं। पूरनपुर के पंचम दास इंटर कॉलेज में सरस्वती पूजन हुआ। आर्य पाठशाला इंटर कॉलेज में प्रबंधक निरंजन सिंह की अगुवाई में हवन पूजन व भंडारे का आयोजन किया गया। जनपद भर में हवन पूजन व भंडारों का आयोजन बसंत पर्व पर किया जा रहा है। पूरनपुर के सिटी मैरिज पैलेस में बसंत पर्व की पूर्व संध्या पर पूरनपुर प्रिंटिंग प्रेस के स्वामी अनिल अग्रवाल के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देवनागरी उत्थान परिषद के अध्यक्ष पंडित राम अवतार शर्मा, वरिष्ठ कवि अंशुमाली दीक्षित, डॉक्टर यूआर मीत, अमिताभ मिश्र, सुल्तान जहां, सतीश मिश्र अचूक, संगीता सिंघल, विकास आर्य स्वप्न, देव शर्मा विचित्र, रवि गुप्ता नील सहित कई कवियों ने माता सरस्वती की वंदना करते हुए सुंदर रचनाएं पढ़ी। गायत्री परिजन संदीप खंडेलवाल द्वारा मतदाता जागरूकता पर लाइनें प्रस्तुत की गई। पत्रकार नवीन अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, रिषभ अग्रवाल, मुकेश गुप्ता एडवोकेट, कन्हैया खंडेलवाल, सचिन अग्रवाल आदि लोगों ने कवि व साहित्यकारों का स्वागत व सम्मान किया।
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आसमान में नजर आया पतंगों का साम्राज्य
बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने का रिवाज है। कुछ लोग इसे पतंग पंचमी तक कहने लगे हैं। आज आसमान में सुबह से ही पतंगबाजी शुरू हो गई। कई बार आसमान में पतंगों का साम्राज्य सा नजर आया। ये काटा वो काटा के स्वर लगातार गूंजते रहे। युवा वर्ग में पतंग उड़ाने को लेकर खासी दिलचस्पी देखी जा रही है। पूरनपुर, बीसलपुर, पीलीभीत, अमरिया, कलीनगर सहित विभिन्न स्थानों पर पतंगबाजी की जा रही है।
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शारदा, देवहा व गोमती तट पर स्नान व भंडारे
बसंत पंचमी पर पवित्र नदियों में स्नान करके दान पुण्य करने का भी अपना महत्व है। इसको लेकर पीलीभीत जनपद में गोमती उद्गम स्थल, गोमती के त्रिवेणी घाट, इकोत्तरनाथ, भजही घाट, बंजार घाट व सुनासीर नाथ घाट पर श्रद्धालु पहुंचे और गोमती जल से आचमन करके दान पुण्य किया। देवहा नदी के विभिन्न घाटों पर भी लोगों ने स्नान किया। शारदा नदी के घाटों पर स्नान दान व भंडारों का क्रम जारी है। शारदा नदी के धनारा घाट पर साधु-संत कल्पवास कर रहे हैं। कल्पवासियों ने आज तड़के गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए माता सरस्वती के जय घोष के साथ स्नान किया। काफी संख्या में श्रद्धालु भी स्नान करने पहुंचे। दान पुण्य व भंडारों का क्रम भी देर तक चलता रहा। कई अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी धनारा घाट पर किए जा रहे हैं।
माता भगवती देवी गौशाला प्रसाद पुर में पंच कुंडीय यज्ञ के बाद गोष्टी में संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का आध्यात्मिक जन्मदिन मनाया गया। भंडारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें काफी लोग मौजूद रहे।